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फेसबुक और ट्विटर पर भी जारी है सट्टेबाजी का गेम...

क्रिकेट में पैसा कमाने के लिए सट्टेबाजों ने आधुनिक तकनीक और नए साधनों का सहारा लेना शुरू किया है। फेसबुक के जरिये अब सट्टेबाज अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। सट्टेबाजों ने अपने धंधे के लिए सोशल...

फेसबुक और ट्विटर पर भी जारी है सट्टेबाजी का गेम...
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 May 2013 03:30 PM
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क्रिकेट में पैसा कमाने के लिए सट्टेबाजों ने आधुनिक तकनीक और नए साधनों का सहारा लेना शुरू किया है। फेसबुक के जरिये अब सट्टेबाज अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।

सट्टेबाजों ने अपने धंधे के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक नया खेल शुरू किया है। इंटरनेट पर मित्र बनने के लिए सट्टेबाज खिलाड़ियों से संपर्क करते है, कुछ समय में बात यहां से आगे बढ़ती है और खिलाड़ी जाल में फंस जाता है।

खास बात यह है कि फेसबुक का इस्तेमाल छोटे सट्टेबाज ज्यादा कर रहे हैं। इन सट्टेबाजों के अनुसार उनके पास बड़े दलालों जितने पैसे नहीं होते, जो पकड़े जाने पर अधिकारियों को रिश्वत देकर हमेशा छूट जाते हैं। इसलिए उन्हें फेसबुक सुरक्षित विकल्प लगता है। इसके लिए उन्होंने फेसबुक की अपनी कोड भाषा भी बनाई है।

कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने भी खुलासा किया था कि साल 2010 में 56 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने सट्टेबाजों के संपर्क करने की रिपोर्ट आईसीसी को की थी। साल 2011 में ऐसा ही एक खुलासा इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने किया था। एंडरसन ने बताया था कि खिलाड़ियों से संपर्क करने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक सट्टेबाजों का नया जरिया बन गया है।

आईसीसी सभी खिलाड़ियों को नियमित तौर पर यह बताता रहा है कि किस चीज पर ध्यान देना है। आईसीसी के कड़े नियम हैं कि सट्टेबाजों के संपर्क करने पर आपको क्या करना है और सभी को पता है कि ऐसा होने पर अगर सही लोगों को इसके बारे में सूचना नहीं दी गई, तो यह एक अपराध की श्रेणी में आता है।

साल 2011 में आईसीसी ने क्रिकेट वर्ल्डकप के दौरान खिलाड़ियों के सोशल नेटवर्किंग साइट से जुड़े रहने पर भी पाबंदी लगा दी थी। क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ने ये कदम भ्रष्टाचार निरोधी शाखा के अनुरोध पर उठाया था और खिलाड़ियों को वर्ल्डकप के दौरान ट्विटर, फेसबुक या दूसरी किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर संदेश देने से रोक दिया था।

असल में इस दौरान आईसीसी नहीं चाहती थी कि सोशल नेटवर्किंग साइट पर खिलाड़ियों के लिखे किसी संदेश का फायदा सट्टेबाज अपने मकसद के लिए उठा सकें। कई खिलाड़ी फेसबुक और ट्विटर के जरिए लगातार अपने प्रशंसकों और मित्रों से जुड़े रहते हैं और उनके संदेशों में कई बार उनके खेल और मैच से जुड़ी कुछ जानकारियां भी होती हैं।

2011 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने जुल्करनैन हैदर प्रकरण से सबक लेते हुए अपने खिलाड़ियों के सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और ट्विटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। पीसीबी के इस फरमान के बाद राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि केन्द्रीय अनुबंध प्राप्त खिलाडी भी फेसबुक और ट्विटर जैसी लोकप्रिय साइटों का इस्तेमाल नहीं कर पाए। हालांकि बोर्ड का यह तर्क था कि खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दुबई में पांचवे वनडे से ऐन पहले रहस्यमय तरीके से गायब हुए पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज हैदर ने फेसबुक पर अपनी योजनाओं का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें सट्टेबाजों की ओर से जान से मारने की धमकी मिल रही है। बाद में वह ब्रिटेन पहुंचे और क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।

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