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श्रीनिवासन आईपीएल टीम मालिक और बीसीसीआई अध्यक्ष एकसाथ कैसे: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल-6) में भ्रष्टाचार मामले पर मुद्गल समिति की जांच रिपोर्ट पर सोमवार को सुनवाई के दौरान बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि हितों...

श्रीनिवासन आईपीएल टीम मालिक और बीसीसीआई अध्यक्ष एकसाथ कैसे: सुप्रीम कोर्ट
एजेंसीTue, 25 Nov 2014 01:22 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल-6) में भ्रष्टाचार मामले पर मुद्गल समिति की जांच रिपोर्ट पर सोमवार को सुनवाई के दौरान बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि हितों के टकराव पर उनकी जवाबदेही बनती है और वह इस मामले में खुद को अलग नहीं कर सकते।
     
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति एम एफ इब्राहिम कलीफुल्ला की खंडपीठ ने आईपीएल छह में फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले पर जांच कर रही सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय जांच दल की रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुये कहा कि क्रिकेट सज्जनों का खेल है और उसे उसी भावना के साथ खेला जाना चाहिये। यदि आप (बीसीसीआई और आईपीएल) इस खेल में फिक्सिंग जैसी चीजों को होने देंगे तो आप क्रिकेट को ही नष्ट करेंगे।
     
अदालत ने बोर्ड के कामकाज से अलग किये गये एन श्रीनिवासन को कहा कि उनकी टीम के कुछ लोग सट्टेबाजी में संलिप्त थे और इसलिये उनकी जवाबदेही बनती है। 
     
सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन के लिये कहा कि आपको हितों के टकराव के सवालों का जवाब देना होगा क्योंकि आप बीसीसीआई के अध्यक्ष भी हैं और आईपीएल की टीम के मालिक भी है जिसके अधिकारी भ्रष्टाचार में शामिल पाये गये हैं। ऐसे में आप इस मामले से खुद को अलग नहीं कर सकते हैं।

खंडपीठ ने कहा कि आप बीसीसीआई और आईपीएल के बीच अंतर नहीं कर सकते है क्‍योंकि आईपीएल तो उसी से उपजा है। टीम में हिस्सेदारी होने से ही हितों का टकराव पैदा होता है। बीसीसीआई के अध्यक्ष के तौर पर आपके ऊपर ही टूर्नामेंट को चलाने की जिम्मेदारी है,  लेकिन खुद ही टीम के मालिक होने से सवाल पैदा होते है और इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

मामले की अगली सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी गई है। हालांकि बीसीसीआई के वकील ने अदालत में दलील पेश की कि बम्बई हाई कोर्ट पहले ही हितों के टकराव के मामले से इंकार कर चुका है। गौरतलब है कि श्रीनिवासन ने सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर अध्यक्ष बनने के लिए अनुमति मांगी है। श्रीनिवासन ने कहा था कि मुद्गल रिपोर्ट में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार में संलिप्तता के सबूत नहीं मिले हैं,  इसलिये उन्हें एक बार फिर प्रमुख की भूमिका निभाने की अनुमति दी जाये।

श्रीनिवासन को आईपीएल छह मामले की जांच पूरी होने तक सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के कामकाज से दूर रहने के लिए कहा था। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के प्रमुख के पद पर काबिज श्रीनिवासन के लिए एक बार फिर दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख के पद को हासिल करने की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है।

शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा कि बीसीसीआई के कुछ लोगों के पास टीमें है। इससे यह उनके लिए आपस में फायदे का सौदा हो गया है, लेकिन यदि लोगों को पता चले कि मैच फिक्‍स है तो स्टेडियम में कौन उसे देखने आयेगा। भारत में क्रिकेट धर्म की तरह है और इसका पता तब चलता है जब ईडन गार्डन में एक लाख लोग एक साथ टीम की जीत पर खुशी मनाते है। अदालत ने क्रिकेट की सफाई पर जोर देते हुये कहा कि अब समय आ गया है कि क्रिकेट के खेल में सफाई की जाये और उसे भ्रष्टाचार से बचाया जाए।

मुद्गल रिपोर्ट ने श्रीनिवासन को फिक्सिंग या सट्टेबाजी में संलिप्त होने का दोषी नहीं पाया था, लेकिन रिपोर्ट ने यह कहा था कि बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों और श्रीनिवासन को इस बात की जानकारी थी कि कुछ खिलाड़ी नियमों का उल्लंघन कर रहे है,  लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। 

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