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गेंदबाजों के कमाल से फिर कमाल करने उतरेगा भारत

लॉर्ड्स टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय क्रिकेट टीम रविवार से यहां शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर मेजबान टीम पर दबाव बढ़ाने और मौजूदा विवाद से...

गेंदबाजों के कमाल से फिर कमाल करने उतरेगा भारत
एजेंसीSat, 26 Jul 2014 03:07 PM
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लॉर्ड्स टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय क्रिकेट टीम रविवार से यहां शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर मेजबान टीम पर दबाव बढ़ाने और मौजूदा विवाद से इतर अपनी ताकत का लोहा मनवाने उतरेगी।
       
भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्टों की सीरीज में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की टीम ने 1-0 की बढ़त बना ली है। भारतीय टीम लॉर्ड्स में 28 वर्ष के बाद जीत दर्ज कर काफी उत्साहित है और तीसरा टेस्ट जीतकर उसके पास इंग्लैड को भारी दबाव में लाने का मौका होगा। पिछले मैच में जीत के सूत्रधार रहे मैन ऑफ द मैच और लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज इशांत शर्मा पर एक बार फिर सभी की निगाहें होंगी।
       
दूसरी ओर तीसरे टेस्ट से ठीक पहले ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन विवाद में भी नया मोड़ आ गया है। जडेजा पर मैच फीसदी का जुर्माना लगाया गया है जिससे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) बेहद खफा है और यह सीरीज खेल भावना के बजाय अब दोनों टीमों और दोनों क्रिकेट बोर्ड के बीच नाक का सवाल बन चुकी है।
         
अपनी जमीन पर बेहद निराशाजनक प्रदर्शन कर आलोचनाओं का शिकार हो रही इंग्लैंड टीम और उसके कप्तान एलेस्टेयर कुक ने हालांकि अभी हार नहीं मानी है और सीरीज में पिछड़ने के बावजूद वह टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। कुक निराश भले ही हैं लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि वह एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं और मैच में पासा पलट सकते हैं।

फिलहाल बल्ले से खराब प्रदर्शन कर रहे कुक ने ड्रॉ रहे पहले टेस्ट में पांच रन बनाये थे तो लॉर्ड्स टेस्ट में 10 और 22 रनों की पारियां खेली थी। ऐसे में भारत के पास कुक के इस खराब फॉर्म का फायदा उठाने का भरपूर मौका होगा।

इंग्लैंड की जमीन पर पिछले दोनों टेस्टों में भारतीय तेजगेंदबाजों का दबदबा रहा है और यही कारण है कि धौनी ने भी इसकी अहमियत समझते हुए पिछले दोनों मुकाबलों में भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, स्टुअर्ट बिन्नी और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा पर सबसे अधिक भरोसा दिखाया है। अब देखना यह होगा कि धौनी साउथ हैम्पटन की पिच पर अंतिम एकादश में कोई बदलाव करते हैं या नहीं।
         
जीत के सूत्र को देखते हुए लॉर्ड्स में 28 वर्ष बाद टीम को जीत दिलाने वाले मौजूदा अंतिम एकादश में एक बार फिर कप्तान से कोई बदलाव की उम्मीद न हो लेकिन धौनी अपनी रणनीतियों के लिये जाने जाते हैं। ऐसे में अंतिम एकादश की तस्वीर साफ नहीं है। तेज गेंदबाजों के लिये मददगार इंग्लिश पिचों पर अब तक ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को नहीं उतारा गया है। इसलिये साउथ हैम्पटन पर धौनी किन खिलाड़ियों को मौका देते हैं देखना अहम होगा।
         
पिछले मैच के मैन ऑफ द मैच दिल्ली के इशांत की 74 रन पर सात विकेट का प्रदर्शन उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इसके बाद अब इशांत से उम्मीदें और भी बढ गई है। अन्य गेंदबाजों की तुलना में इशांत इंग्लैंड में पहले भी खेलने का अनुभव रखते हैं जबकि मेरठ के युवा गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने इंग्लैंड की पहली पारी में 82 रन पर छह विकेट लिये थे और इस समय वह टीम के मुख्य गेंदबाजों में हैं।
        
भुवी और इशांत के अलावा मोहम्मद शमी और जडेजा ने भी गेंदबाजी में संतोषजनक प्रदर्शन किया है। लेकिन इसके बावजूद जडेजा के लिये अभी अपने प्रदर्शन में सुधार की जरूरत है। खुद धौनी ने 95 रनों से दूसरा टेस्ट जीतने के बाद कहा था कि जडेजा बेहतरीन खिलाड़ी हैं लेकिन उन्हें अपने प्रदर्शन पर थोड़ा और ध्यान देने की जरूरत है।

गेंदबाजों के अलावा बल्लेबाजों के लिये भी बड़े स्कोर से इंग्लैंड को शुरुआत से ही दबाव में लाने की जरूरत होगी। इस सीरीज में जो बात खास देखने को मिली है वह है ओपनिंग और निचले क्रम का बेहतरीन प्रदर्शन। मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, अजिंकया रहाणे और मध्यक्रम में कप्तान धौनी रन बनाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो निचले क्रम में भुवनेश्वर ने गेंद के साथ बल्ले से सभी को चौंकाया है।  
        
भुवी ने नौंवे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुये दूसरे टेस्ट में 36 और 52 रनों की अभूतपूर्व पारियां खेली जबकि पहले टेस्ट में उन्होंने 58 और नाबाद 63 रनों की पारी खेली थी। भुवी ने इसी के साथ नौंवे नंबर के बल्लेबाज के रूप में तीन अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड भी बना लिया है। इसके अलावा ड्रॉ टेस्ट में तेज गेंदबाज शमी ने आखिरी बल्लेबाज के रूप में नाबाद 51 रन ठोके थे। 
       
भारतीय बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्रम को देखते हुये इंग्लैंड के लिये किसी भी समय मैच में ढिलाई समस्या खड़ी जरूर कर सकती है। हालांकि भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली इस समय बल्ले से शांत बैठे हैं। टीम के ओवरऑल प्रदर्शन के बीच भले ही विराट का खराब फॉर्म चर्चा का विषय नहीं है लेकिन उनके लिये वापसी अब जरूरी हो गई है। विराट ने पहले टेस्ट में 1 और 8 जबकि दूसरे टेस्ट में 25 और शून्य रनों की निराशाजनक पारियां खेली थी।
        
अपने घरेलू मैदान पर इंग्लैंड को न तो अब तक पिच से मदद मिल पाई है और न ही उसके बल्लेबाज और गेंदबाज एक टीम की तरह प्रदर्शन कर पा रहे हैं। अंतिम एकादश में इंग्लैंड ने तीसरे टेस्ट में कुछ बदलाव करते हुये जोस बटलर को उतारा है। बटलर की मौजूदगी से मेजबान टीम को भले ही बड़े चमत्कार की उम्मीद हो लेकिन वह तीसरे टेस्ट से इस प्रारूप में पदार्पण कर रहे हैं और अनुभव की कमी जरूर खलेगी।  
          
बटलर ने इस सत्र में आठ प्रथम श्रेणी मैचों में 568 रन बनाये हैं जबकि श्रीलंका के खिलाफ लॉर्ड्स में शतक जड़ा था। ऐसे में उनकी यह फॉर्म इंग्लैंड को कुछ राहत जरूर दे सकती है। हालांकि चोट के कारण मैट प्रायर भारत के खिलाफ शेष सीरीज से हट गये हैं जिससे कुक को गहरा झटका जरूर लगा है। लेकिन दबाव के बीच टीम वापसी करने के लिये बेकरार है। 
           
तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन इस समय विवाद से आहत हैं और उनके खिलाफ एक अगस्त से सुनवाई होगी। लेकिन वह भारतीय बल्लेबाजों के लिये सबसे बड़ा खतरा हैं। एंडरसन ने पिछले मैच में कुल पांच विकेट लिये थे और वह मेजबान टीम के अहम खिलाड़ी हैं। इसके अलावा बेन स्टोक्स, स्टुअर्ट ब्रॉड, लियाम प्लेंकेट और मोइन अली गेंद से तो जो रूट, पिछले मैच के शतकधारी गैरी बैलेंस पासा पलट सकते हैं।

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