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धौनी ने कप्तानी छोड़ने की पेशकश की, पूर्व खिलाड़ियों ने विरोध किया

बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में मिली अप्रत्याशित हार के बाद आलोचना के केंद्र में आये महेंद्र सिंह धौनी ने कप्तानी छोड़ने का प्रस्ताव रखा है लेकिन कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने इस तरह के किसी निर्णय का...

धौनी ने कप्तानी छोड़ने की पेशकश की, पूर्व खिलाड़ियों ने विरोध किया
एजेंसीTue, 23 Jun 2015 11:54 AM
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बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में मिली अप्रत्याशित हार के बाद आलोचना के केंद्र में आये महेंद्र सिंह धौनी ने कप्तानी छोड़ने का प्रस्ताव रखा है लेकिन कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने इस तरह के किसी निर्णय का विरोध किया है।
     
बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में छह विकेट से मिली हार के बाद धौनी ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारतीय क्रिकेट की सफलता के लिए वह कप्तानी छोड़ने और एक खिलाड़ी के तौर पर योगदान करने के लिए तैयार हैं।
     
धौनी ने कहा कि मैं अपनी क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं। लेकिन जब पहला सवाल पूछा गया तो मुझे पता था कि यह सवाल भी पूछा जाएगा। इस तरह के सवाल हमेशा सामने आते हैं। मीडिया को मुझसे प्यार है। अगर यह उचित है, अगर आप मुझे हटाते हो और भारतीय क्रिकेट अच्छा करने लगता है और अगर भारतीय क्रिकेट में जो भी बुरा हो रहा है उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं तो निश्चित तौर पर मैं पद छोड़कर खिलाड़ी के रूप में खेलने को तैयार हूं।
     
उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट में जब भी कुछ बुरा होता है तो हमेशा उसके लिए मैं ही जिम्मेदार होता हूं। जो भी होता है मेरे कारण होता है। यहां तक कि बांग्लादेश का मीडिया भी हंस रहा है। कुछ भारतीय पूर्व क्रिकेटरों ने धौनी का समर्थन करते हुए कहा है कि उनको कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए।
     
पूर्व भारतीय कप्तानों बिशन सिंह बेदी, दिलीप वेंगसरकर और अजित वाडेकर तथा क्रिकेटरों में चेतन चौहान, चंडू बोर्डे, सैयद किरमानी और किरन मोरे ने धौनी का जोरदार समर्थन किया है।

वेंगसरकर ने बताया कि मुझे नहीं लगता कि कोई धौनी का स्थान ले सकता है। उन्होंने हाल ही में भारत को विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाया और यह उसके बाद पहली सीरीज है। उन्हें कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए।

भारतीय क्रिकेट पर अपनी स्पष्ट राय रखने वाले बेदी बांग्लादेश में टीम के लचर प्रदर्शन के लिए अकेले धौनी को ही दोषी नहीं मानते। उन्होंने कहा कि मैं किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दे रहा हूं। भारत को पूरी टीम के लचर प्रदर्शन के कारण सीरीज गंवानी पड़ी। धौनी की कप्तानी के मसले पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।
अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। यह भी देखो कि उन्होंने मीडिया से जो कुछ कहा वह केवल निराशा में कहा।
बेदी ने कहा, कप्तानी में ऐसा होता है। जब टीम जीत दर्ज करती है तो आपकी तारीफ होती है और हारने पर आलोचना। वह पहले ही टेस्ट कप्तानी छोड़ चुका है। वनडे के बारे में मैं नहीं जानता। लेकिन पहली बार मैंने उसकी झल्लाहट देखी और यह किसी भी तरह से अच्छा संकेत नहीं है।

वाडेकर ने कहा कि धौनी अब भी वनडे और टी20 में भारत की अगुवाई करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वनडे और टी20 में कप्तानी के लिए वह अब भी सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति है। उन्हें कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए। हार हतप्रभ करने वाली है। शायद उन्होंने बांग्लादेश को गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें संभवत: वनडे सीरीज की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।

पूर्व विकेटकीपर किरमानी ने भी वनडे टीम की कमान धौनी के पास ही बनाए रखने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मैं धोनी को कप्तान बनाए रखने की सिफारिश करूंगा। वह बहुत अच्छा खिलाड़ी है। केवल बांग्लादेश में हार से आप उनके प्रति इतना कड़ा रवैया नहीं अपना सकते। मुझे लगता है कि हमेशा यह माना जाता है कि कप्तान को हटाया जाना चाहिए। ये सब बातें तब होती हैं जब कप्तान सीरीज गंवा देता है या वह खराब फॉर्म में हो।

चंदू बोर्डे ने कहा कि धौनी की कप्तानी बरकरार रखनी चाहिए क्योंकि मेरे अनुसार यह केवल एक उलटफेर है लेकिन इससे उबरने में थोड़ा समय लगेगा। बांग्लादेश ने हमें हैरान किया। हमारे खिलाड़ियों ने जज्बा नहीं दिखाया जबकि बांग्लादेश के खिलाड़ियों के हावभाव लाजवाब थे।

पूर्व सलामी बल्लेबाज ने चेतन चौहान ने कहा कि अभी कप्तानी में बदलाव की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, मैं किसी एक सीरीज के आधार पर जल्दबाजी में फैसला करने के पक्ष में नहीं हूं। मैं चाहता कि इस सत्र में विराट केवल टेस्ट मैचों में कप्तानी करे। मेरे हिसाब से धौनी को अगले साल भारत में होने वाली विश्व टी20 तक वनडे और टी20 का कप्तान बने रहना चाहिए।

पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने कहा कि कप्तानी में बदलाव की बात बेतुकी है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि धौनी अब भी सर्वश्रेष्ठ है और वह अब भी भारत को काफी कुछ दे सकता है। कोई भी इस तरह की हार से गुजर सकता है। पूरी टीम ही थकी हुई लग रही है। उन्हें यह सोचने की जरूरत है कि खिलाड़ियों के लिए सर्वश्रेष्ठ क्या है।

एक अन्य पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज विजय दहिया ने कहा, घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस समय वनडे कप्तानी में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। धौनी जानता है कि परिस्थितियों के अनुसार कैसा खेलना है। मैं चाहता हूं टेस्ट से संन्यास लेने के बाद धौनी अन्य प्रारूपों में बने रहें।

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