फोटो गैलरी

Hindi Newsभारतीय अंपायरों को खिलाड़ियों से नहीं मिलता सम्मान: टोफल

भारतीय अंपायरों को खिलाड़ियों से नहीं मिलता सम्मान: टोफल

मैदान पर अपने सटीक निर्णय के लिये मशहूर अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टोफल ने कहा है कि भारतीय प्रशंसकों और खिलाड़ियों में घरेलू अंपायरों के लिये सकारात्मक रुख और भरोसे की कमी दिखती है जिसे बदलने की...

भारतीय अंपायरों को खिलाड़ियों से नहीं मिलता सम्मान: टोफल
एजेंसीFri, 29 May 2015 11:55 AM
ऐप पर पढ़ें

मैदान पर अपने सटीक निर्णय के लिये मशहूर अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टोफल ने कहा है कि भारतीय प्रशंसकों और खिलाड़ियों में घरेलू अंपायरों के लिये सकारात्मक रुख और भरोसे की कमी दिखती है जिसे बदलने की जरूरत है।
     
क्रिकेट में सबसे मजबूत टीमों में एक भारत और दुनिया के सबसे अमीर और रसूख वाले क्रिकेट बोर्ड भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का इस खेल में भले ही सबसे अधिक दबदबा हो लेकिन भारत का एक भी अंपायर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) के एलीट अंपायर पैनल का हिस्सा नहीं है।
      
साइमन ने क्रिकइंफो को दिये अपने साक्षात्कार में साफतौर पर कहा कि भारतीय खिलाड़ी भी अपने घरेलू अंपायरों पर भरोसा नहीं रखते हैं और भले ही भारतीय अंपायर आईसीसी पैनल में न हों लेकिन उनमें भरपूर क्षमता है और पिछले कुछ समय में इस दिशा में काफी तरक्की देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात को देखकर निराशा होती है कि खिलाड़ियों और प्रशंसकों में ही अपने अंपायरों के प्रति सकारात्मक रूख नहीं है।
      
आईसीसी अंपायर एंड परफोर्मेंस प्रबंधक के तौर पर भारतीय अंपायरों को प्रशिक्षण दे रहे टोफल ने कहा कि घरेलू अंपायरों को अपने ही खिलाड़ियों से वह सम्मान नहीं मिलता जो मिलना चाहिये। खिलाड़ियों को अंपायरों के इस मुश्किल काम में उनकी मदद करनी चाहिये और उनकी सराहना करनी चाहिये क्योंकि आखिरकार हम इंसान ही हैं।

ऑस्ट्रेलिया के टोफल ने कहा कि हम यह काम करते हैं क्योंकि हमें यह पसंद है। दुनिया के प्रतिष्ठित अंपायरों में शुमार साइमन ने अंपायर और खिलाड़ियों के बीच हमेशा रहने वाले तनावपूर्ण रिश्तों के बावजूद मैदान पर अलग सम्मान हासिल किया है और उन्हें करियर में सर्वाधिक सही निर्णयों के लिये माना जाता है। गौरतलब है कि इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने रिचर्ड इलिगवर्थ के निर्णय को ‘हारिबल’ बेहद खराब बताया था।
        
उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के लिये जरूरी है कि वे अपने विचार समय समय पर अंपायरों के सामने रखें। जब अंपायर अच्छा करता है तो किसी का ध्यान नहीं जाता है लेकिन जब कुछ गलत होता है तो सबकी ऊंगली उठती है। भारत में जिस तरह का माहौल अंपायरों को लेकर है उसमें भारी बदलाव की जरूरत है। मैं चाहता हूं कि खिलाड़ी और कप्तान इस बात को समझें और भारत में अंपायिरग में सुधार का हिस्सा बनें न कि उसकी आलोचना करें।
               
उन्होंने कहा कि या तो अंपायर बहुत अधिक पगबाधा दे देते हैं या नहीं देते। इस काम में पारदर्शिता और ईमानदारी की जरूरत है। बीसीसीआई पिछले लंबे समय से वीडियो कैमरे लगाकर इस समस्या से निपटने का प्रयास कर रही है और यह अहम कदम है।

पूर्व खिलाड़ियों के अंपायिरग करने के सवाल पर टोफल ने कहा कि मैं भारत में सबसे अधिक जो देखना चाहता हूं वह यह कि खिलाड़ी अंपायरों का सम्मान करें और उनके इस मुश्किल काम को समझें और हां जब खुद सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज खिलाड़ी सफेद कोट में दिखेंगे तो और इससे बेहतर क्या हो सकता है।
      
अंतरराष्ट्रीय अंपायर ने साथ ही माना कि भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ही मैदान पर मौजूद तीसरी टीम अर्थात अंपायरों को कोई ध्यान नहीं देता है। उन्होंने कहा कि सभी कि अपनी भूमिका होती है लेकिन किसी गलती पर अंपायरों को दोष देना सबसे आसान होता है। आईसीसी का एलीट अंपायर पैनल वर्ष 2002 में गठित किया गया था लेकिन तभी से केवल एक भारतीय एस वेंकटराघवन उसमें शामिल रहे।
      
टोफल ने कहा कि भारत को अंपायरों के एलीट पैनल में लाना लक्ष्य नहीं है बल्कि यहां अंपायिरग को सुधारना जरूरी है जिससे अच्छे अंपायर सामने लाये जा सकें। उन्होंने आईपीएल की प्रशंसा करते हुये कहा कि इस टूर्नामेंट के कारण कई घरेलू अंपायरों को बड़े मंच पर अंपायिरग का मौका मिला है। 26 मैच अधिकारियों में 17 भारतीय थे जिनमें 14 अंपायर और तीन मैच रेफरी थे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें