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जडेजा मसले पर अब बीसीसीआई और आईसीसी आमने-सामने

भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ झगड़े के लिये मैच शुल्क का 50 प्रतिशत जुर्माना किये जाने से बीसीसीआई और उसकी मूल संस्था आईसीसी के बीच टकराव की संभावना बन...

जडेजा मसले पर अब बीसीसीआई और आईसीसी आमने-सामने
एजेंसीFri, 25 Jul 2014 06:12 PM
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भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ झगड़े के लिये मैच शुल्क का 50 प्रतिशत जुर्माना किये जाने से बीसीसीआई और उसकी मूल संस्था आईसीसी के बीच टकराव की संभावना बन गयी है, क्योंकि भारतीय बोर्ड ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के फैसले का चुनौती देने का इरादा जताया है।

आईसीसी मैच रेफरी डेविड बून ने एंडरसन के साथ मैदानी घटना के लिये जडेजा पर 50 प्रतिशत का जुर्माना लगाया है लेकिन इस खिलाड़ी को लेवल दो अपराध का दोषी नहीं पाया गया है। इंग्लैंड टीम प्रबंधन ने उन पर यह आरोप लगाया था।
आईसीसी की घोषणा के कुछ देर बाद ही नाखुश बीसीसीआई ने साफ किया कि वह फैसले से खुश नहीं है और कहा कि उसने इसके खिलाफ अपील करने का फैसला सुरक्षित रखा है।

बीसीसीआई ने कहा कि वह पूरी तरह से जडेजा के साथ है जिस पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। मैच रैफरी डेविड बून ने उसे खेल भावना के विपरीत आचरण का दोषी पाया। बोर्ड ने बयान में कहा , बीसीसीआई ने मैच रैफरी के फैसले पर गौर किया है जिसमें जडेजा को भारत और इंग्लैंड के बीच नाटिंघम में पहले टेस्ट के दौरान हुई घटना में आचार संहिता के उल्लंघन के लेवल एक के अपराध का दोषी पाया गया है।
    
इसमें आगे कहा गया , बीसीसीआई साफ तौर पर कहना चाहता है कि वह फैसले से खुश नहीं है। उसे इसके खिलाफ अपील का अधिकार है। बोर्ड का मानना है कि जडेजा की गलती नहीं थी और हम पूरी तरह से उसके साथ है।

यह घटना नाटिंघम में खेले गये पहले टेस्ट मैच के लंच के दौरान हुई थी। भारतीयों ने दावा किया कि खिलाड़ी जब अपने ड्रेसिंग रूम में जा रहे थे तब एंडरसन ने कथित तौर पर जडेजा को अपशब्द कहे और धक्का दिया। इंग्लैंड टीम प्रबंधन ने पहले इसे मामूली घटना करार दिया था लेकिन बाद में उसने जडेजा के खिलाफ जवाबी आरोप लगा दिये थे।

बून ने गुरुवार की शाम को साउथम्पटन में सुनवाई की जिसमें दोनों खिलाडिम्यों, उनकी कानूनी सलाहकारों, गवाहों के अलावा बीसीसीआई की तरफ से एम वी श्रीधर और ईसीबी की फिल नील और पाल डाउंटन तथा आईसीसी आचार एवं नियामक वकील ने हिस्सा लिया।

लगभग दो घंटे तक चली बैठक में पूर्व आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बून ने कहा कि जडेजा के लगाये गये आरोपों में उन्हें केवल खेल भावना के विपरीत व्यवहार करने का दोषी पाया गया है। बून ने अपने फैसले पर कहा, संहिता के अनुच्छेद 6.1 के तहत मैं इससे सहमत हूं कि जडेजा को अनुच्छेद 2.2.11 के अंतर्गत अपराध का दोषी ठहराने के लिये अपराध हुआ था।

उन्होंने कहा कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि क्षगड़ा हुआ था और इस तरह का व्यवहार खेल भावना के तहत सही नहीं और ऐसा नहीं होना चाहिए था लेकिन मैं इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं कि यह लेवल दो का अपराध था। इसलिए संहिता के अनुच्छेद 7.6.5 के तहत और सभी सबूतों को सुनने के बाद मैं इस बात से सहमत हूं कि जडेजा ने संहिता के अनुच्छेद 2.1.8 के तहत लेवल एक का अपराध किया था।

एंडरसन पर लेवल तीन के अपराध का आरोप लगाया गया है और उसकी सुनवाई एक अगस्त को होगी। आईसीसी से नियुक्त न्यायिक आयुक्त गोर्डन लुईस एक अगस्त को सुनवाई करने के 48 घंटे बाद फैसला सुनाएंगे।

एंडरसन के रोस बाउल में होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में खेलने के लिये रास्ता साफ हो गया है लेकिन यदि उन्हें जडेजा को धक्का देने और उन्हें अपशब्द कहने का दोषी पाया जाता है तो फिर हो सकता है कि वह चौथे और पांचवें टेस्ट मैच में नहीं खेल पाएं। एंडरसन पर लेवल तीन के आरोप लगाये गये हैं जिसमें दोषी पाये जाने पर उन पर दो टेस्ट मैच या आठ वनडे का प्रतिबंध लग सकता है।

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