हैदराबाद हवाई अड्डे का नाम बदलने पर हंगामा
हैदराबाद हवाई अड्डे का नाम बदले जाने की मांग पर कांग्रेस सदस्यों के राज्यसभा में आज भारी हंगामा किए जाने के बावजूद सरकार ने इसके घरेलू टर्मिनल का नाम एनटी रामाराव पर रखे जाने के अपने फैसले पर...
हैदराबाद हवाई अड्डे का नाम बदले जाने की मांग पर कांग्रेस सदस्यों के राज्यसभा में आज भारी हंगामा किए जाने के बावजूद सरकार ने इसके घरेलू टर्मिनल का नाम एनटी रामाराव पर रखे जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से साफ इंकार कर दिया। इस मुद्दे पर हुए भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सरकार ने स्पष्ट किया कि हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से राजीव गांधी का नाम नहीं हटाया गया है, लेकिन वहां घरेलू टर्मिनल को एन टी रामाराव के नाम पर रखने के फैसले पर पुनर्विचार नहीं होग। कांग्रेस के आनंद शर्मा, आनंद भास्कर रापोलू सहित कई सदस्यों ने आरोप लगाया कि हैदराबाद के शमसाबाद हवाई अड्डे का नाम राजीव गांधी पर रखा गया था, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इसका नाम बदल कर पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान किया है।
इस मामले में सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार की मंशा किसी का अपमान करने की नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है। राजीव गांधी और एनटी रामाराव दोनों ही देश के सम्मानित नेता हैं। हम किसी का असम्मान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शमसाबाद हवाई अड्डे के अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल का नाम राजीव गांधी के नाम पर है और इसे बदला नहीं गया है। इसके घरेलू टर्मिनल का नाम एनटी रामाराव के नाम पर था और हम इस पर कायम हैं।
जेटली ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस नेता मांग कर रहे हैं कि घरेलू टर्मिनल का नाम एनटी रामाराव के बजाय राजीव गांधी पर रखा जाए जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से राजीव गांधी का नाम नहीं हटाया गया है। उन्होंने कहा कि शुरू में हैदराबाद का हवाई अड्डा बेगमपेट में था। जैसे ही राजू ने एनटी रामाराव का नाम लिया, कांग्रेस सदस्यों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया और वह अपनी बात पूरी नहीं कर सके।
कांग्रेस के कई सदस्यों द्वारा पोस्टर ले कर आसन के समक्ष आ कर की जा रही नारेबाजी और शोरगुल के जारी रहने के कारण सभापति हामिद अंसारी ने बैठक को दोपहर करीब बारह बज कर पांच मिनट पर साढ़े बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले कांग्रेस के रापोलू ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार परंपराओं से हट रही है। नागर विमानन मंत्रालय घटिया चालें चल रहा है। इन घटिया चालों से समाज में वैमनस्य बढ़ेगा एवं अनावश्यक गड़बड़ी फैलेगी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी देश के एक लोकप्रिय नेता थे। शमसाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम राजीव गांधी पर रखा गया था लेकिन सरकार ने इसके एक टर्मिनल का नाम अब बदल दिया है जो हम कतई स्वीकार नहीं कर सकते।
कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मतियों का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने के मामले में राज्य की तेलंगाना सरकार से भी कोई विचारविमर्श नहीं किया गया। शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार को यह आश्वासन देना चाहिये कि वह हवाई अड्डे का नाम बदलने के अपने कदम को वापस लेगी। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को उठाने के लिए कल और आज दोनों दिन नोटिस दिया था और उन्हें सदन में यह मुद्दा उठाने की इजाजम्त दी जानी चाहिए।
जदयू के शरद यादव ने कहा कि चूंकि सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद मौजूद नहीं हैं इसलिए विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा को अपनी बात कहने का मौका दिया जाना चाहिए। इस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी या आजाद की तरफ से सभापति या उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है जिसमें यह बताया गया हो कि शर्मा विपक्ष के नेता की अनुपस्थिति में उनका प्रभार देखेंगे। जहां तक नोटिस की बात है तो शर्मा ने आज जो नोटिस दिया है उसमें यह कहा गया है कि उन्हें यह मुद्दा 25 नवंबर को उठाने की अनुमति दी जाए, जबकि आज 26 नवंबर है।
हंगामे के कारण बैठक स्थगित होने के बाद दोपहर साढ़े बारह बजे जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तो सदन में वही नजारा था। कांग्रेस सदस्य पोस्टर ले कर आसन के समक्ष आ गए और नारे लगाने लगे। हंगामे के कारण सभापति ने बैठक एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर एक बजे सदन की बैठक शुरू होने पर भी कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच ही सभापति ने अल्प सूचना प्रश्न लिया। पेट्रोलियम मंत्री धमेद्र प्रधान ने इसका जवाब भी दिया लेकिन शोरगुल की वजह से उनका जवाब सुना नहीं जा सका। इस दौरान कांग्रेस सदस्य पोस्टर ले कर आसन के समक्ष नारेबाजी करते रहे। हंगामे के कारण सभापति ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।