डब्ल्यूटीओ की गतिरोध पर चल रही है मीटिंग
डब्ल्यूटीओ व्यापार सुविधा समझौते को मंजूरी देने का समय करीब आने के साथ जिनेवा में विकसित देशों तथा भारत समेत उभरते देशों में मुद्दों के समाधान के लिये गहन बातचीत जारी है। ...
डब्ल्यूटीओ व्यापार सुविधा समझौते को मंजूरी देने का समय करीब आने के साथ जिनेवा में विकसित देशों तथा भारत समेत उभरते देशों में मुद्दों के समाधान के लिये गहन बातचीत जारी है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की आम परिषद की पिछले सप्ताह हुई बैठक में भारत ने यह साफ कर दिया था कि जब तक खाद्य सुरक्षा मुद्दों पर स्थायी समाधान सामने नहीं आता, वह व्यापार सुविधा समझौते को मंजूरी नहीं देगा।
डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों को 31 जुलाई तक व्यापार सुविधा समक्षौते (टीएफए) पर मसौदे को स्वीकार करना है। विश्व व्यापार संगठन के सूत्रों के अनुसार टीएफए तथा खाद्य सुरक्षा से जुड़े पब्लिक स्टाक होल्डिंग से संबद्ध मुद्दों पर गतिरोध को दूर करने के लिये डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रोबटो एजेवेदो ने कल जिनेवा में अधिकारियों के साथ बैठक की।
एजेवेदो ने समन्वयकों को स्थिति से अवगत कराया और उन कदमों के बारे में जानकारी दी जो उन्होंने उठाया है। साथ ही आने वाले घंटों में उठाये जाने वाले कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संकट के समाधान के लिये 48 घंटे से कम समय बचा है और डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों को बैठक के लिये तैयार रहना चाहिए।
भारत अनाज के भंडार के संदर्भ में डब्ल्यूटीओ नियमों में संशोधन के लिये दबाव दे रहा है। यह मुद्दा भारत के खादय सुरक्षा कार्यक्रम के लिये महत्वपूर्ण है। मौजूदा डब्ल्यूटीओ नियम खादय सब्सिडी के मूल्य को अनाज उत्पादन के कुल मूल्य के 10 प्रतिशत पर सीमित करता है। हालांकि इसका आकलन दो दशक पुराने मूल्य पर किया जाता है।
भारत खाद्य सब्सिडी के आकलन के लिये आधार वर्ष 1986-88 में बदलाव की मांग कर रहा है। भारत चाहता है कि इसमें मुद्रास्फीति तथा मुद्रा में उतार-चढ़ाव को शामिल किया जाए। अमेरिका तथा अन्य विकसित देश टीएफए का समर्थन कर रहे हैं जिसका मकसद सीमा शुल्क प्रक्रिया को सरल बनाना, पारदर्शिता बढ़ाना तथा परिवहन लागत को कम करना है।