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आरबीआई ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बैंक की सभी नीतिगत दरों को पहले के स्तर पर बनाए रखने की आज घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का खतरा बढा है और ताजा भू-राजनैतिक परिस्थितियों सहित बाह्य जगत...

आरबीआई ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव
एजेंसीTue, 30 Sep 2014 02:40 PM
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रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बैंक की सभी नीतिगत दरों को पहले के स्तर पर बनाए रखने की आज घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का खतरा बढा है और ताजा भू-राजनैतिक परिस्थितियों सहित बाह्य जगत की स्थिति कठिन है।

नीतिगत घोषणाओं का यह लगातार चौथा मौका है, जिसमें आरबीआई ने मुख्य दरें अपरिवर्तित रखी हैं, जबकि उद्योग जगत अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ब्याज दरों में कमी किए जाने की मांग कर रहा है। इस समय रिजर्व बैंक की अल्पकालिक ऋण दर (रेपो) 8 प्रतिशत और आरक्षित नकदी अनुपात (सीआरआर) 4 प्रतिशत पर है। सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) 22 प्रतिशत है।

बैंकों के अपने पास जमा राशियों का सीआरआर के बराबर हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है, जिस पर उन्हें ब्याज नहीं मिलता। एसएलआर जमा राशियों का वह हिस्सा है, जिसें बैंकों को सरकारी विशेष प्रकार की प्रतिभूतिभूतियों के रप में रखना अनिवार्य है।

नीतिगत दरों के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के औचित्य के बारे में राजन ने कहा कि हालांकि थोक मूल्य आधारित सूचकांक में गिरावट हुई है और यह जनवरी 2015 तक इसे 8 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि मानसून का पूरा प्रभाव दिखने से खाद्य कीमतों की ओर से झटका लगने का खतरा है और भू-राजनैतिक घटनाक्रमों से भी झटके का जोखिम है जो बहुत तेजी से असर कर सकता है। उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति के संबंध में कुछ अनिश्चितताएं हैं लेकिन जनवरी 2016 तक छह प्रतिशत की खुदरा मुद्रास्फीति का लक्ष्य प्राप्त करना संभव है।

राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक की भावी नीतिगत पहल, जनवरी 2016 तक 6 मंहगाई दर को प्रतिशत तक सीमित रखने के मध्यम अवधि लक्ष्य के मुकाबले आरबीआई के मुद्रास्फीतिक अनुमान से प्रभावित होगी। साथ ही यह आगे आने वाले आंकड़ों से भी प्रभावित होगी। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि का अनुमान भी 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि 2015-16 में वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत होगी।

आरबीआई की नीतिगत घोषणाओं का स्थानीय शेयर बाजारों पर कोई खास असर नहीं दिखा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 26,626 पर चल रहा है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर पांच साल के न्यूनतम स्तर 3.74 प्रतिशत पर आ गई, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति 7.8 प्रतिशत रही।

 

 

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