सेबी को ज्यादा शक्तियां देने वाला कानून अधिसूचित
सेबी को पहले से ज्यादा अधिकार देने वाला संशोधित कानून सरकार ने अधिसूचित कर दिया है। गैरकानूनी तरीके से धन जुटाने और दूसरी तरह की धोखाधड़ी के मामले में कारवाई के लिये सेबी को अतिरिक्त अधिकार दिये गये...
सेबी को पहले से ज्यादा अधिकार देने वाला संशोधित कानून सरकार ने अधिसूचित कर दिया है। गैरकानूनी तरीके से धन जुटाने और दूसरी तरह की धोखाधड़ी के मामले में कारवाई के लिये सेबी को अतिरिक्त अधिकार दिये गये हैं। नये कानून के तहत सेबी को संपत्ति कुर्क करने, भुगतान नहीं करने वालों की गिरफतारी और संबंधित व्यक्तियों के सभी कॉल डाटा रिकार्ड हासिल करने का अधिकार मिल गया है।
इस महीने संसद द्वारा पारित प्रतिभूति कानून संशोधन अधिनियम में पूंजी बाजार संचालन से जुड़े सभी कानूनों में संशोधन किया गया है। इसके तहत विशेष सेबी अदालत गठित करने में भी मदद मिलेगी जिसके तहत धोखाधड़ी के संदिग्ध मामलों में जांच एवं जब्ती प्रक्रिया के लिये भी स्वीकृति दी जा सकेगी।
नए अधिनियम में 57 उप-बंध हैं जिसके तहत सेबी अधिनियम के विभिन्न खंडों और दो अन्य संबंधित कानूनों में संशोधन किया गया। संशोधन विधेयक छह अगस्त को लोकसभा में और 12 अगस्त को राज्य सभा में पारित हो गया था। सेबी को ज्यादा अधिकार देने के लिये सबसे पहले जुलाई 2013 में पहली बार अध्यादेश जारी किया गया। अध्यादेश पिछले साल सितंबर में दूसरी बार जारी किया गया और फिर जनवरी में तीसरी बार जारी किया गया क्योंकि उस समय संसद में सेबी को स्थायी शक्ति प्रदान करने संबंधी विधेयक पारित नहीं किया जा सका था। उसके करीब साल भर बाद अधिसूचना जारी हुई है।
तीसरे अध्यादेश की अवधि पिछले महीने समाप्त हो गई जिससे सेबी की ये अतिरिक्त शक्तियां खत्म हो गईं। इस दौरान अध्यादेश जारी रहने की अवधि में करीब 1,500 मामलों की जांच हो रही थी। यह अध्यादेश पश्चिम बंगाल में सारदा घोटाले जैसे देश भर के अन्य धोखाधड़ी वाली निवेश योजनाओं के मददेनजर लाया गया था जिसके जरिए लाखों छोटे निवेशकों के साथ ठगी की जा रही थी।