फोटो गैलरी

Hindi Newsजेटली लाइव: आर्थिक परिस्थितियों के चलते आयकर में नहीं किया बदलाव

जेटली लाइव: आर्थिक परिस्थितियों के चलते आयकर में नहीं किया बदलाव

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 का आम बजट पेश करने के बाद आज यूट्यूब पर दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि हम 8 और 9 प्रतिशत विकास दर से आगे बढ़ना चाहते हैं, तो हमें सभी क्षेत्रों में निवेश...

जेटली लाइव: आर्थिक परिस्थितियों के चलते आयकर में नहीं किया बदलाव
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 28 Feb 2015 11:18 PM
ऐप पर पढ़ें

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 का आम बजट पेश करने के बाद आज यूट्यूब पर दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि हम 8 और 9 प्रतिशत विकास दर से आगे बढ़ना चाहते हैं, तो हमें सभी क्षेत्रों में निवेश की जरूरत पड़ेगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की न्यू मीडिया विंग द्वारा आयोजित इस साक्षात्कार में चेतन भगत ने वित्त मंत्री से उन लोगों के सवाल पूछे, जो सोशल मीडिया के द्वारा भेजे गए थे।

चेतन भगत ने पूछा कि क्या सार्वजनिक व्यय में कमी हुई है, तो जेटली ने कहा कि केंद्रीय कोष में कमी हुई है, क्यूंकि 10 फीसदी हिस्सा राज्यों को हमने बढ़ाया है। इसलिए केंद्रीय कोष का आकार छोटा हुआ है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रीय स्तर पर व्यय में कमी होगी। क्यूंकि जो पैसे राज्यों को अधिक मिले हैं, वे विभन्न क्षेत्रों में खर्च होंगे और इस तरह सार्वजनिक व्यय का आकार अखिल भारतीय स्तर पर बढ़ेगा ही।

चेतन भगत ने पूछा कि मोदी का पहला बजट होने के चलते इसकी बहुत चर्चा पहले से थी, बजट पर इसका कितना प्रभाव पड़ा है। इस सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि अगर हम 8 और 9 प्रतिशत विकास दर से आगे बढ़ना चाहते हैं, तो हमें सभी क्षेत्रों में निवेश की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए बुनियादी ढांचों पर अधिक निवेश करने की जरूरत पड़ेगी। कॉरपोरेट टैक्स में रियायत पर पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा कि हम आसियान और बाकी देशों में कॉरपोरेट टैक्स के रेट को ध्यान में रखकर इसमें सुधार करना चाहते हैं। ऐसा निवेशकों को प्रोत्साहित करने लिए जरूरी है। निवेशक आमतौर पर यह देखते हैं कि वह कितना लगाते हैं और कितना रिटर्न मिलता है। यदि वह यह देखेंगे कि लाभ का अधिकांश हिस्सा टैक्स में चला जाएगा, तो इससे निवेश हतोत्साहित हो सकता है।

मनरेगा पर पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा कि मनरेगा में अतिरिक्त पैसा देने का यह कतई अर्थ नहीं है कि हम आलोचनाओं के डर से ऐसा कर रहे हैं, क्यूंकि यह काग्रेस की योजना है। हम मनरेगा में ज्यादा पैसा देकर ग्रामीण स्तर पर आय और मजदूरी के दर को बनाए रखना चाहते हैं। क्यूंकि यह अर्थव्यवस्था में मांग के स्तर को बनाएए रखने के लिए जरूरी है। आयकर सीमा में तब्दीली नहीं करने के बारे में जेटली ने कहा कि इस साल आर्थिक परिस्थितियों ने मुझे इस सीमा में तब्दीली करने की इजाजत नहीं दी, पिछले साल मैंने इसकी सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर ढ़ाई लाख कर दी थी। उन्होंने कहा कि करदाताओं से सरकार परिवहन और स्वास्थ्य जैसी सेवाओं से न्यूनतम कर लेती है और चूंकि इन सेवाओं के मामले में सरकार ने लोगों पर कोई बोझ नहीं डाला है, ऐसे में आर्थिक स्थिरता लाने के मद्देनजर इस सीमा में बदलाव नहीं किया गया।​

जब जेटली से यह पूछा गया कि बजट में एक रैंक एक पेंशन का कोई जिक्र नहीं है, तो उन्होंने कहा कि हम एक रैंक एक पेंशन के प्रति समर्पित हैं और हमने अपने घोषणापत्र में इसका जिक्र पहले ही हम चुके हैं। यह जरूरी नहीं है कि सभी अवसरों पर अपने इस योजना को दोहराया जाए। युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए जेटली ने कहा कि हमने अपने बजट में तकनीक पर ड्यूटी को घटाया है, तकनीक का इस्तेमाल युवा अधिक करते हैं, ऐसे में उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि विनिर्माण से जुड़े कई मामलों में अब पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं रहेगी, इससे भी युवाओं की उद्यमशीला को बढ़ावा मिलेगा।​

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें