कर संधियों पर करना होगा पुनर्विचार: जेटली
विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने की चुनौती से जूझ रही सरकार ने शनिवार को कहा कि वह विभिन्न देशों के साथ हुई कुछ द्विपक्षीय कर संधियों पर फिर से गौर कर रही है जिनकी वजह से संभवत: काला धन वापस लाने...
विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने की चुनौती से जूझ रही सरकार ने शनिवार को कहा कि वह विभिन्न देशों के साथ हुई कुछ द्विपक्षीय कर संधियों पर फिर से गौर कर रही है जिनकी वजह से संभवत: काला धन वापस लाने में अड़चन पैदा हो रही है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा निश्चित रूप से हम कर रहे हैं। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार उन द्विपक्षीय संधियों पर फिर से गौर करेगी जिनकी वजह से सरकार को विदेश में काला धन जमा करने वालों के बारे में आसानी से सूचना नहीं मिल पा रही है। जेटली ने कहा कि उन्होंने हाल ही में एक शिष्टमंडल स्विटजरलैंड भेजा था और वह कुछ सकारात्मक पहल के साथ वापस लौटे हैं।
स्विटजरलैंड सरकार के साथ वार्ता का हवाला देते हुए उन्होंने कहा हमें एचएसबीसी सूची के अलावा स्वतंत्र रूप से साक्ष्य जुटाने हैं। मैं उनके (विभिन्न देशों के) पास नहीं जा सकता क्योंकि वे कहते हैं एचएसबीसी की सूची चुराई हुई है इसलिए मैं सहयोग नहीं करुंगा। इसलिए मैं चोरी की सूची के आधार पर आपके पास नहीं जा सकता। लेकिन यदि मैं चोरी की सूची में दर्ज कुछ नामों के बारे में आपको कुछ स्वतंत्र साक्ष्य पेश करता हूं तो क्या आप कुछ प्रमाण देंगे।
यह पूछने पर कि क्या इसका प्रावधान मौजूदा द्विपक्षीय संधियों में नहीं है, मंत्री ने कहा हमने इसी के बारे में चर्चा की है। धीरे-धीरे सहयोग बढ़ रहा है। यदि आप अमेरिकी कानून पर नजर डालें तो वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा देश ऐसे कानून को स्वीकार करें जिसमें सूचना के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था हो।
भारत द्वारा ऐसी संधि पर हस्ताक्षर करने की संभावना से जुड़े सवाल पर मंत्री ने कहा हम इसी पर काम कर रहे हैं। उच्चतम न्यायालय, पहले का फैसला, स्पष्टीकरण चाहते हैं। इसलिए विशेष जांच दल (एसआईटी) इस पर गौर कर रहा है।