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एनजीओ को विदेशी धन का लेन-देन करना होगा ऑनलाइन

देश के सभी नॉन गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन (एनजीओ) को अब अपनी हर कार्य विधि को ऑनलाइन करना होगा। भारत सरकार इसके लिए कड़े नियम बनाने में जुट गई है। इस नियम के तहत सभी एनजीओ को पैसे के लेन-देन और दान के...

एनजीओ को विदेशी धन का लेन-देन करना होगा ऑनलाइन
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 27 Jul 2015 06:40 PM
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देश के सभी नॉन गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन (एनजीओ) को अब अपनी हर कार्य विधि को ऑनलाइन करना होगा। भारत सरकार इसके लिए कड़े नियम बनाने में जुट गई है। इस नियम के तहत सभी एनजीओ को पैसे के लेन-देन और दान के व्यवहार को ऑनलाइन करना जरूरी होगा। इसके अलावा हर तीसरे महीने में इन संस्थाओं को अपनी जानकारी ऑनलाइन देने के साथ ही सरकार को भी देनी होंगी। इसमें पैसा किस संस्था द्वारा दिया गया, कितना पैसा आया और कितने पैसे का कहां उपयोग हो रहा है इन सब की जानकारी देनी होगी।

गृहमंत्रालय ने बनाया नियम
गृहमंत्रालय एनजीओ में फर्जीवाड़े और कालेधन पर लगाम लगाने के लिए 'विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन नियम, 2015' कानून लाने जा रहा है। मंत्रालय ने इसका पूरा मसौदा तैयार कर लिया है और अगले महीने तक इसे लागू कर देने के पक्ष में जुट गया है। इसके अलावा मंत्रालय ऑनलाइन प्रणाली के तहत विदेशी निधियों, एफसीआरए पंजीकरण और किसी भी प्रकार के दान पर निगरानी रखेगा। गृहमंत्रालय इसके लिए बनाए नियमों को विधि मंत्रालय को सौंपने जा रहा है। विधि मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद इसे सामने लाया जाएगा।

डिजिटल भारत को मिलेगा बल
काले धन पर रोक के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को बल मिलेगा। गृहमंत्रालय के इस मसौदे के बाद विदेश अंशदान नियमन कानून (एफसीआरए) (2010) काफी मजबूत हो जाएगा। इससे एफसीआरए के नियम पारदर्शी होंगे। इस मसौदे के बाद एनजीओ द्वारा होने वाले लेन-देन काफी पारदर्शी हो जाएंगे। एनजीओ को एफसीआरए के तहत लेन-देन और विदेशों से आने वाले धन की पूरी जानकारी वार्षिक तौर पर मंत्रालय में जमा करनी होगी। वार्षिक रिपोर्ट जमा करने की व्यवस्था विशेष तौर पर उन एनजीओ के लिए दी गई है जो सुदूर क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। इसके अलावा जिनके पास इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। हालांकि गृहमंत्रालय जहां पर नेट नहीं है उन क्षेत्रों के लिए वीसैट कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान कर रही है। इसके लिए 600 ब्लॉक में वीसैट प्रदान किया जा रहा है।

एनजीओ से जुड़ना भी होगा कठिन
भारत आकर किसी भी विदेशी को एनजीओ से जुड़ने, मानवाधिकार और पर्यावरण जैसे मामलों पर शोध करने में अब काफी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।  केंद्र सरकार ने शोध वीजा नियमों को सख्त करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार विदेशियों के वीजा आवेदन पत्र की गहराई से छानबीन करने के बाद ही उन्हें भारत में दाखिल होने की अनुमति देगी। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने वीजा नियमों में सख्ती लाने के फैसले की पुष्टि की। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो विदेशी यूजीसी से मान्यता प्राप्त संस्थान के जरिए शोध करेंगे, उन्हें वीजा मिलने में कोई कठिनाई नहीं होगी। इसके अलावा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर) से स्कॉलरशिप पाने वाले विदेशी विद्वानों को भी शोध वीजा आसानी से मिल जाएगा। एक अनुमान के अनुसार भारत में करीब 42 हजार विदेशी छात्र पढ़ाई करते हैं। इनमें से 3,800 शोध छात्र हैं।

इसके कारण कड़े हुए नियम
भारत सरकार ने लगभग नौ हजार ऐसे गैर सरकारी संगठनों का लाइसेंस रद्द कर दिया है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में अपने वार्षिक वित्तीय रिटर्न नहीं दाखिल किए थे। ये एनजीओ अपने कार्यों में पारदर्शिता को नहीं सहेज पाए।

- 10 हजार 343 गैर सरकारी संगठनों को अक्टूबर, 2014 में अपने सालाना रिटर्न दाखि़ल करने के लिए कहा गया था।
-  दो सौ 29 गैर सरकारी संगठनों ने ही सिर्फ गृह मंत्रालय के इस आदेश का पालन किया।
- 08 हजार 975 ने अमल नहीं किया जिनके लाइसेंस सरकार ने अप्रैल में रद्द कर दिए हैं।
- इन गैर सरकारी संगठनों ने वर्ष 2009-2010, 2010-2011 और 2011-12 में विदेशी फंडिंग समेत अपने वित्तीय रिटर्न नहीं दाखिल किए हैं।
- 740 यूपी के समेत देश भर के कुल 2,406 गैर सरकारी संगठनों का पिछले महीने लाइसेंस रद्द कर दिया गया था।

इन एनजीओ के फर्जीवाड़े से सरकार हुई सचेत
धन के दुरुपयोग को लेकर फंसे अमेरिका के दो एनजीओ ग्रीन पीस और फोर्ड फाउंडेशन का मामला और तीस्ता सीतलवाड़ के दो एनजीओ में फर्जीवाड़े के मामले ने केंद्र को नियम बनाने पर मजबूर कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीस्ता के एनजीओ 'सिटिजंस फॉर जस्टिस एंड पीस' को पूर्व अनुमति श्रेणी (प्रायर परमिशन कैटेगरी) में डाल दिया है। बता दें कि तीस्ता मामले में मंत्रालय ने पाया था कि सिटिजंस फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) ने कथित तौर पर विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया है। वहीं धन के दुरुपयोग को लेकर ग्रीन पीस और फोर्ड फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई की गई।
 

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