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सरकार ने किया नए आयकर रिटर्न फार्म को सरल बनाने का फैसला

सरकार ने नए आयकर रिटर्न फार्म की समीक्षा करने और इसे सरल बनाने का फैसला किया है। फार्म को लेकर कर विशेषज्ञों तथा अन्य पक्षों की आलोचना के बाद यह निर्णय किया गया। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड...

सरकार ने किया नए आयकर रिटर्न फार्म को सरल बनाने का फैसला
एजेंसीSat, 18 Apr 2015 09:16 PM
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सरकार ने नए आयकर रिटर्न फार्म की समीक्षा करने और इसे सरल बनाने का फैसला किया है। फार्म को लेकर कर विशेषज्ञों तथा अन्य पक्षों की आलोचना के बाद यह निर्णय किया गया। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी)  ने कल ही इस नये फार्म को अधिसूचित किया था।

नये आयकर रिटर्न (आईटीआर) फार्म में करदाताओं से उनके सभी बैंक खातों और विदेश यात्राओं का पूरा ब्योरा देने को कहा गया है। सरकार ने शनिवार को आधिकारिक तौर पर कहा कि वह आईटीआर फार्म को सरल रूप में लाएगी। राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त मंत्री ने मुझे वाशिंगटन से फोन कर कहा कि नये आईटीआर फार्म से जुड़े पूरे मामले पर फिर से विचार किया जाना चाहिये। सरकार आईटीआर फार्म को सरल बनायेगी।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 की रिटर्न भरे जाने वाले नये आईटीआर फार्म के बारे में कर विशेषज्ञों और विभिन्न वर्गों की ओर से व्यक्त की गई कठिनाइयों के मद्देनजर फार्म पर फिर से विचार करने का फैसला किया गया। नए फार्म के बारे में जानकारी सामने आने के बाद विशेषज्ञों और सलाहकारों ने इसकी आलोचना करनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि सरकार इसमें बहुत सारी नई जानकारी मांग रही है जिससे कर रिटर्न भरने का काम जटिल हो जाएगा।

आकलन वर्ष 2015-16 के इस आईटीआर फार्म में कालेधन पर नजर रखते हुये करदाताओं से अतिरिक्त जानकारी देने को कहा गया है। आईटीआर1 और आईटीआर2 में करदाताओं से पिछले वित्त वर्ष के दौरान उनके सभी खुले अथवा बंद बैंक खातों और इनमें 31 मार्च को बकाया राशि का ब्योरा देने को कहा गया है। करदाताओं को बैंक का नाम, खाता नंबर, पता और बैंक का आईएफएससी कोड तथा संभावित संयुक्त खाता धारक की जानकारी देने को भी कहा गया है।

विदेश यात्राओं के मामले में करदाता से उसका पासपोर्ट नंबर, पासपोर्ट जारी होने का स्थान, जिन देशों की यात्रा की गई, कितनी बार यात्रा की गई, यदि आप निवासी हैं तो इन यात्राओं पर किये गये खर्च के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। आयकर विभाग ने पिछले साल सभी करदाताओं के लिये विदेशों में उनकी सभी संपत्तियों के बारे में जानकारी देने को कहा था। फार्म में नई अनुसूची जोड़कर उसमें विदेश स्थित संपत्ति और उससे होने वाले आय का ब्यौरा मांगा गया था। नये आईटीआर फार्म में इस बार करदाता से उसका आधार नंबर भी मांगा गया है।

अंतरराष्ट्रीय कर विशेषज्ञ टीपी ओस्तवाल ने कहा कि नये फार्म में करदाताओं के लिये उनके आधिकारिक दौरों के बारे में जानकारी जुटाना मुश्किल होगा। उन्हें कंपनी से भी इसकी जानकारी लेने में मुश्किल होगी, खासकर उन परिस्थितियों में जब उन्होंने वर्ष के दौरान बीच में कंपनी छोड़ दी हो। उन्होंने कहा कि इनमें से कई जानकारी तो सरकार के पास पहले से वार्षिक सूचना रिटर्न में उपलब्ध होगी।

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