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नीतीश ने पीएम मोदी से पूछा, अमित शाह जेल से किन बुराइयों को सीख कर आए हैं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गया में दिया गया भाषण न सिर्फ शीर्ष पद की गरिमा को कम करने वाला बल्कि संघीय ढ़ांचा के प्रतिकूल भी है और यह देश के साथ...

नीतीश ने पीएम मोदी से पूछा, अमित शाह जेल से किन बुराइयों को सीख कर आए हैं
एजेंसीSun, 09 Aug 2015 09:46 PM
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गया में दिया गया भाषण न सिर्फ शीर्ष पद की गरिमा को कम करने वाला बल्कि संघीय ढ़ांचा के प्रतिकूल भी है और यह देश के साथ विश्वासघात के समान है।

नीतीश कुमार ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री भाषण के दौरान न सिर्फ भाषा के स्तर को नीचे ले जाकर शीर्ष पद की गरिमा को कम किया है बल्कि उनकी पार्टी को वोट देने पर ही बिहार का विकास होगा कि धमकी देकर संघीय ढ़ांचे के प्रतिकूल बात कही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का संघीय ढ़ांचे के प्रतिकूल टिप्पणी और विचार विश्वासघात के समान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार अब बीमारू राज्य नहीं रहा है लेकिन प्रधानमंत्री उसे बीमारू राज्य बताकर उसका अपमान कर रहे है। शिक्षा और स्वास्थ्य का जो सूचकांक है वह बताता है कि बिहार अब बीमारू प्रदेश नहीं रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बतायें कि किन मापदंडों पर मध्य प्रदेश और राजस्थान बीमारू प्रदेश से बाहर निकल गया और बिहार अभी भी बीमारू है।

मोदी ने किया भैरो सिंह शेखावत का अपमान
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा है कि मध्य प्रदेश पिछले 10-12 वर्षो में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान पिछले सात वर्षो में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के कार्यकाल में बीमारू प्रदेश से बाहर आया है। यह कह कर प्रधानमंत्री ने जनसंघ के समय के भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरो सिंह शेखावत का भी अपमान किया है जिन्होंने अंत्योदय योजना दी थी।

विरोधाभाषी बाते कर रहे हैं पीएम मोदी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री एक ओर कहते है कि पिछले 10 वर्ष में मध्यप्रदेश और राजस्थान बीमारू प्रदेश से बाहर निकला है जिस समय केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार थी। वहीं दूसरी ओर वे कहते है कि केन्द्र और राज्य में जब भाजपा की सरकार होगी तभी विकास होगा। प्रधानमंत्री की ये बाते विरोधाभाषी है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के इरादों को भी प्रकट करता है। वह यह संदेश देना चाहते है कि राज्य में दूसरी पार्टी की सरकार होगी तो वह सहयोग नहीं करेंगे।

खुलेआम जनता को धमकी दे रहे हैं पीएम
नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री बतायें कि क्या यही सहकारी संघवाद है। प्रधानमंत्री जनता को खुलेआम धमकी दे रहे हैं। प्रधानमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति के मुंह से इस तरह की बात शोभा नहीं देती है। उन्होंने कहा कि नागा समझौते में संबंधित राज्यों को विश्वास में नहीं लिया गया। खैर वह इसपर अभी कुछ नहीं कहेंगे और बिहार पर ही अपनी बातों को केन्द्रित रखेंगे।

पीएम के भाषण से घोर निराशा हुई
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण से बिहार के लोगों को घोर निराशा हुई है। इससे पहले जब पीएम मोदी मुजफ्फरपुर आये थे तब उन्होंने डीएनए को लेकर टिप्पणी की थी। इस बार बिहार को बीमारू बता दिया है जबकि बिहार एक स्वस्थ राज्य है और देश तथा अन्य प्रदेशों के भी विकास में सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसी बात करने के बजाय बिहार के विकास में सहयोग देना चाहिए।

चुनाव बाद सभी वादे भूली भाजपा
नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के समय नौजवानों को रोजगार देने, किसानों को उनके उत्पादन पर लागत मूल्य जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और कालाधन को वापस लाकर हर गरीब को 15 से 20 लाख रूपया देने का वादा किया था लेकिन चुनाव के बाद वे इस वादे को भूल गये। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे चुनावी जुमला कहा दिया। इसके बाद भाजपा का नाम भारतीय जुमला पार्टी रख दिया गया।

भाजपा मतलब बड़का झूठा पार्टी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक वह शराफत में भाजपा को भारतीय जुमला पार्टी कह रहे थे लेकिन प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार को भाषा के जिस स्तर पर ले जा रहे है उसी व्याकरण के अनुसार उन्होंने अब भाजपा का नाम बड़का झूठा पार्टी रख दिया है। उन्होंने कहा कि उनका विचार है कि चुनाव प्रचार में एक स्तर को बनाये रखना चाहिए। नीतीश कुमार ने नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बगैर कहा कि अब तो भाजपा सिर्फ उनकी पार्टी है। अब वह न तो लालकृष्ण आडवाणी, न मुरली मनोहर जोशी और न ही जसवंत सिंह और न यशवंत सिन्हा की पार्टी है। अब यह पार्टी उनके (नरेन्द्र मोदी) बाद किसी की है तो वह अमित शाह की है। उन्होंने कहा कि अब यह पार्टी भाषा के स्तर को काफी नीचे ले जा रही है।

अमित शाह जेल से किन बुराइयों को सीखकर आए हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भाषण के दौरान कहा कि जेल से लोग बुराइयां सीखकर
आते है तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी जेल में रहे है और वे वहां से किन बुराइयों को सीखकर आये है। क्या उन्हीं गुणों के आधार पर उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वैसे तो जेल को सुधार गृह माना जाता है लेकिन प्रधानमंत्री हमेशा मान्य चीजों से अलग राय रखते है। जेलों में इसलिए बहुत ध्यान दिया जा रहा है और वहां योग भी सिखाया जा रहा है कि वहां से लोग सुधर कर बाहर आयेंगे।

नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि बिहार में पिछले 25 वर्ष में कुछ भी नहीं हुआ है। ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने पिछले 10 साल की उपलब्धियों को भी नकार दिया है जिसमें से सात साल का श्रेय बिहार भाजपा के नेता लेते रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षो में स्कूल से बाहर आने वाले बच्चों की संख्या में कमी, सरकारी स्वास्थ्य सेवा में सुधार और विकास दर में वृद्धि की उपलब्धि पर अब दावा करने का भाजपा का अधिकार नहीं रहा है।

ज्ञान और मोक्ष की भूमि है गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि गया ज्ञान और मोक्ष की भूमि है लेकिन प्रधानमंत्री ने एक पूर्व मुख्यमंत्री (जीतन राम मांझी) की कर्मभूमि बताकर उसका भी अपमान किया है। बेहतर होता कि जिनकी वह कर्मभूमि बता रहे है, उनके नेतृत्व में ही वह चुनाव लड़ने का ऐलान कर देते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गया जैसी पवित्र भूमि में भी असत्य बोलने से नहीं चूके। गया में कितने पर्यटक आ रहे है उन्हें पर्यटन मंत्रालय का आंकड़ा देखकर बयान देना चाहिए था।
नीतीश कुमार ने कहा कि आज बोध गया में गोवा से ज्यादा विदेशी पर्यटक आते है। इसी तरह गया में पितृ पक्ष में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा समेत देश-विदेश के जो भी लोग यहां आते रहते हैं और बिहार के बारे में विचार व्यक्त करते
है वह महत्वपूर्ण है न कि उस व्यक्ति का जो यहां आकर हर चीज पर नाकारात्मक टिप्पणी करता है।

नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार में इंजीनियरिंग कॉलेज को लेकर भी टिप्पणी की है। बेहतर होता कि वह गुजरात से बिहार की तुलना करते। जिन राज्यों से तुलना की है उसमें उनका कोई योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए था कि देश में इंजीनियरिंग
कॉलेजों में कितनी सीट खाली रह जाती है और पिछले 15 माह के शासन में उनकी सरकार ने कितने लोगों को रोजगार दिलाया है।

बिहार को कब दिया जाएगा विशेष राज्य का दर्जा
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों को एक कदम चलने पर सवा कदम साथ चलने का वादा किया है। अब तक वह यह जानते थे कि एक कदम चलने पर दो कदम साथ चलने की बात होती थी लेकिन प्रधानमंत्री ऐसा कहने में भी कंजूसी कर गये। आखिर वह अपने कदम को नापेंगे कैसे और कदम बढ़ायेंगे कैसे। उन्होंने कहा कि पिछले 15 माह से बिहार के लोग विशेष दर्जा, विशेष सहायता और विशेष ध्यान दिये जाने के वायदे के पूरा होने का बाट जोह रहे है।

डीएनए वाली टिप्पणी को वापस लेकर बड़प्पन दिखायें पीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जदयू को जनता का दमन और उत्पीड़न बताया है। वह उन्हें चुनौती देते हैं कि वह इसे साबित करके दिखायें। उन्होंने कहा कि शायद वे वर्ष 2002 को भूल गये हैं जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें राजधर्म निभाने की नसीहत दी थी। बिहार में ऐसी नौबत तो कभी नहीं आयी। नीतीश कुमार ने कहा कि वह उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री ने डीएनए वाली अपनी टिप्पणी को वापस लेकर बड़प्पन दिखायेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह बता देना चाहते हैं कि बिहार के लोग स्वाभिमान पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे और वे इस मुद्दे पर शांत नहीं रहेंगे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आज कल सब कुछ ट्वीटर पर हीं कहते हैं इसलिए केन्द्र सरकार अब यूनियन ट्वीटर गवर्न्मेंट है। इसी को देखते हुए अब उन्होंने भी ट्वीटर पर आने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के गया आने से पहले भारतीय राजनीति को अपराधियों से मुक्त करने के उनके वादे को याद दिलाते हुए कहा था कि वह अपराधियों को चुनाव में टिकट नहीं देने की घोषणा करने की हिम्मत दिखायें लेकिन प्रधानमंत्री ने ऐसा भी नहीं किया।

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