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नहीं टली याकूब की फांसी, नागपुर जेल में भी तैयारी शुरू

भारतीय कानून व्यवस्था के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी मामले पर सुनवाई के लिए देर रात कोई अदालत लगी हो। याकूब की दया याचिका को राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के बाद याची के वकील ने सुप्रीम...

नहीं टली याकूब की फांसी, नागपुर जेल में भी तैयारी शुरू
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 30 Jul 2015 11:47 AM
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भारतीय कानून व्यवस्था के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी मामले पर सुनवाई के लिए देर रात कोई अदालत लगी हो। याकूब की दया याचिका को राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के बाद याची के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी को 14 दिन टालने की अर्जी दी। 2.30 बजे पूरी अदालत लगी। तीन जजों की बेंच सजी। महाअधिवक्ता भी पहुंचे। दलीलें सुनी गईं। हालांकि अंत में फैसला याकूब के खिलाफ ही हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने याची के वकील की फांसी टालने की दलील को खारिज कर दिया। यानी सुबह 6.30 बजे याकूब को फांसी दी जाएगी। नागपुर जेल में भी इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। याकूब के परिजनों को फांसी से संबंधित दस्तावेज भी सौंप दिए गए हैं।

मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा खारिज किए जाने के बाद अचानक एक नया मोड आ गया। याकूब के वकील आनंद ग्रोवर की गुजारिश पर तीन जजों की बेंच ने देर रात सुप्रीम कोर्ट नंबर चार में सुनवाई शुरू की। याकूब के वकील आनंद ग्रोवर ने दलील दी कि याकूब को दया याचिका खारिज करने को दोबारा चुनौती देने का कम से कम सात दिन का वक्त मिलना चाहिए।

इसके जवाब में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि दोबारा दया याचिका दायर करना व्यवस्था का मजाक है। अगर दया याचिका पर दया याचिका आती रही तो इस तरह देश में किसी को फांसी ही नहीं हो पाएगी। साथ ही फांसी से मात्र दस घंटे पहले कोई फिर से दया याचिका नहीं दायर कर सकता।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों की फांसी पर 14 दिन की रोक लगाने की मांग लेकर रात ढाई बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई उन्हीं तीन जजों की बेंच ने किया जिन्होंने याकूब की सजा बरकरार रखी थी। इस बेंच को जस्टिस दीपक मिश्रा ने हेड किया। तीन जजों की इस लार्जर बेंच में जस्टिस जस्टिस प्रफुल्ल पंत और जस्टिस अमिताभ रॉय शामिल थे।

चीफ जस्टिस से मिले प्रशांत भूषण
वृंदा ग्रोवर, प्रशांत भूषण, नित्या रामाकृष्णनन सहित सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ वकीलों ने चीफ जस्टिस से मिलने का समय मांगा। सभी वकील याकूब की फांसी पर 14 दिन की रोक लगाने की मांग लेकर चीफ जस्टिस एचएल दत्तू के घर पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार भी उनके घर पहुंचे। वकीलों ने याकूब को मानसिक रूप से बीमार बताकर उसे फांसी नहीं देने की याचिका दायर की है। फांसी को देखते हुए नागपुर और मुंबई में हाई अलर्ट किया गया है। नागपुर जेल के आसपास धारा 144 लगा दी गई है।

राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की दया याचिका बुधवार रात खारिज कर दी। केंद्र सरकार ने उनसे ऐसा करने की अनुशंसा की थी। यह फैसला उस वक्त आया जब राष्ट्रपति मुखर्जी ने गह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ विचार-विमर्श किया। बाद में सिंह के साथ गृह सचिव एलसी गोयल और सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार भी उनके साथ जुड़े।

राष्ट्रपति के साथ इन लोगों का विचार-विमर्श दो घंटे तक चला और फिर मुखर्जी ने मेमन की याचिका को ठुकराने का फैसला किया। मेमन ने मौत की सजा से बचने की आखिरी कोशिश में मुखर्जी के पास नए सिरे से दया याचिका दी थी। मेमन को गुरुवार सुबह नागपुर केंद्रीय कारागार में फांसी दी जानी है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मेमन की याचिका के मुद्दे पर आज रात राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और याचिका खारिज करने संबंधी सरकार के फैसले के बारे में उनको अवगत कराया।
   
सिंह की राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा भेजी गयी दया याचिका पर शीर्ष स्तर पर विचार विमर्श किया। राष्ट्रपति मंत्री-परिषद की सलाह और सहयोग से काम करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री सिंह और गह सचिव एलसी गोयल समेत शीर्ष अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास पर इस विषय पर विचार-विमर्श किया और यह विचार बना कि राष्ट्रपति को आज दाखिल दया याचिका को खारिज करने की सलाह दी जानी चाहिए।
 
इस मुद्दे पर आज शाम को देर तक गहन परामर्श जारी रहा और विधि सचिव पी के मल्होत्रा ने इस विषय पर गह सचिव के साथ विचार-विमर्श किया। मेमन को कल सुबह ही नागपुर जेल में फांसी दी जानी है। उच्चतम न्यायालय ने डेथ वारंट के खिलाफ उसकी याचिका को खारिज कर दिया।

बुधवार को फांसी पर रोक के सारे विकल्प खत्म होने के बाद महाराष्ट्र के डीजीपी संजीव दयाल और मुंबई के पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने विधान भवन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा हालात की जानकारी दी।

याकूब मेमन को फांसी की सजा को देखते हुए नागपुर समेत पूरे महाराष्ट्र में कड़ी सुरक्षा की गई है। जेल के आसपास की सड़कों पर आने-जाने वालों की तलाशी ली जा रही है। आईजी जेल मीरान बोरवांकर ने खुद परिसर का कई बार दौरा किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम धर्मगुरुओं और समुदाय के नेताओं से ऐसा कोई बयान न देने की अपील की गई, जिससे माहौल बिगड़े। अगर किसी ने भड़काऊ बयानबाजी की तो उस पर पुलिस कार्रवाई की जा सकती है।

याकूब मेमन: टाइमलाइन

4:20 बजे शाम : सुप्रीम कोर्ट ने याकूब मेमन की मौत सजा पर रोक लगाने की मांग करने वाली अर्जी खारिज की
4:30 बजे शाम : महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी याकूब की दया याचिका खारिज की
5:30 बजे शाम : याकूब के वकील ने कहा, उसने अपनी कोई वसीयत नहीं की है।
6:00 बजे शाम : याकूब से मिलने उसके भाई सुलेमान और उस्मान नागपुर सेंट्रल जेल पहुंचे
7:00 बजे शाम : राष्ट्रपति ने एक दिन पहले दायर मेमन की दया याचिका पर गृहमंत्रालय से सलाह मांगी
7:40 बजे शाम : नागपुर जेल के 500 मीटर के दायर में धारा 144 लागू
9:00 बजे रात्रि : गृहमंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति से मिल दया याचिका पर विचार न करने की सलाह दी।

मेमन के घर के पास कमांडो टीम तैनात
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सभी पुलिस उपायुक्तों, अतिरिक्त आयुक्तों और सहायक पुलिस आयुक्तों को संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है। 26/11 हमले के बाद बनाई गई त्वरित प्रतिक्रिया बल को माहिम इलाके में अल हुसैनी इमारत समेत कई जगहों पर तैनात किया गया है। यहीं मेमन का परिवार रहता है। एहतियातन कई संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

केंद्र सरकार ने भी दिए निर्देश
केंद्र सरकार ने याकूब मेमन की फांसी के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार को सुरक्षा के सभी पुख्ता इंतजाम करने को कहा था। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस से बात की। गृह मंत्री ने राज्य सरकार की तैयारियों का ब्यौरा लिया। उन्होंने सुरक्षा को लेकर खास सतर्कता बरतने को कहा। फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि पूरे राज्य में सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए गए हैं। राज्य में सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। संवेदनशील इलाकों पर खास नजर रखने को कहा गया है।

अन्य राज्यों को भी सतर्कता के आदेश
गृहमंत्रालय ने अन्य राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा की है। गृहमंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न भागों में सुरक्षा को लेकर खास ऐहतियात बरतने को कहा गया है। संवेदनशील इलाकों पर खासतौर पर नजर रखने और अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए गए।

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने मेमन की दया याचिका खारिज की
उधर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने याकूब मेमन की दया याचिका को खारिज कर दिया। सरकार के सूत्रों ने बताया कि मेमन की अर्जी खारिज कर दी गयी है। मेमन ने 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी उपचारात्मक याचिका को खारिज किए जाने के कुछ ही घंटे बाद याचिका राज्यपाल के समक्ष दाखिल की थी।

कसाब को फांसी देने वाला बाबू जल्लाद याकूब सूली पर चढ़ाएगा!
वर्ष 1993 के बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी पर लटकाने के लिए महाराष्ट्र के नागपुर केंद्रीय जेल में पूरी तैयारी कर ली गई है। सूत्रों पर भरोसा किया जाए तो याकूब को बाबू जल्लाद फांसी पर लटकाएगा। यह वही बाबू जल्लाद है जिसने मुंबई पर हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को पुणे की जेल में फांसी पर लटकाया था। बाबू जल्लाद महाराष्ट्र पुलिस का एक कांस्टेबल है। हालांकि, बाबू जल्लाद पुलिस कांस्टेबल का असली नाम नहीं है बल्कि यह उसका उपनाम है। ऐसा उपनाम कांस्टेबल की सुरक्षा के मद्देनजर रखा गया है।

सूत्रों के मुताबिक याकूब को गुरुवार को फांसी पर लटकाने के लिए पुणे की यरवदा जेल से पिछले हफ्ते तीन कांस्टेबल को नागपुर जेल से बुलाया गया था। इन तीनों को कसाब को फांसी देने के लिए जल्लाद की ट्रेनिंग दी गई थी। लेकिन इन तीनों में से किसने कसाब को फांसी दी थी इसका खुलासा नहीं किया गया है। सुरक्षा के ख्याल से तीनों का नाम बाबू जल्लाद रखा गया है। पुणे से नागपुर जेल आने के बाद इन तीनों ने फांसी देने का अभ्यास किया है।

सूत्रों का कहना है कि याकूब को फांसी देने वाले बाबू जल्लाद को याकूब के परिवार के सामने नहीं लाया जाएगा। फांसी के वक्त जेल अधीक्षक, मेडिकल अफसर समेत कई अधिकारी उपस्थित रहते हैं। जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त एक मजिस्ट्रेट भी वहां रहता है जो डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करता है।

याकूब का शव परिवार को सौंपने पर असमंजस
फांसी के बाद याकूब मेमन का शव उसके परिवार को सौंपा जाएगा या नहीं इस पर संशय बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि मेमन परिवार ने याकूब के शव की मांग की है। लेकिन इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। फांसी के बाद याकूब का शव उसके परिवार को देना है या नहीं, इसका निर्णय जेलर करेंगे। वैसे, महाराष्ट्र सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है और इस मद्देनजर राज्य सरकार ने मुंबई और नागपुर सहित पूरे महाराष्ट्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

ऐसे दी जाएगी फांसी
03.00 बजे: याकूब मेमन को जगाकर नहाने को कहा जाएगा। नए कपड़े पहनने को दिए जाएंगे।
04.15 बजे: याकूब से अपने धर्म के अनुसार प्रार्थना आदि पूरी करने को कहा जाएगा।
04.45 बजे: डॉक्टरों की एक टीम उसके स्वास्थ्य की जांच करेगी।
05.00 बजे: याकूब मेमन को उसकी पसंद का नाश्ता दिया जाएगा।
06.00 बजे: उसे उसकी पसंद की धार्मिक पुस्तकें पढ़ने को दी जाएंगी या किसी धर्मगुरु से मिलना चाहेगा तो इसकी इजाजत दी जाएगी।
06.00 बजे: उसे फांसी वाली जगह पर ले जाया जाएगा। उसे उसके अपराध का डेथ वारंट पढ़कर सुनाया जाएगा और आखिरी इच्छा पूछी जाएगी।
06.30 बजे: याकूब से अपने गुनाह की माफी मांगने को कहा जाएगा। उसके चेहरे पर काला कपड़ा पहनाया जाएगा। फिर उसके हाथ पीछे बांध दिए जाएंगे।
07.00 बजे: तय समय देख जेल अधिकारी जल्लाद को फांसी देने का इशारा करेंगे। कुछ मिनट झूलने के बाद उसके शरीर को उतारकर जांच की जाएगी।
08.15 बजे: प्रक्रिया के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दी जाएगी। फिर कानूनी कार्रवाई के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

याकूब ने अभी तक अपनी वसीयत तैयार नहीं की: वकील
मेमन के वकील अनिल गेदाम ने कहा कि उसके मुवक्किल ने अभी तक अपना कोई वसीयतनामा तैयार नहीं किया है। गेदाम ने कहा कि याकूब को शायद राहत मिलने की उम्मीद थी। उसने सोचा होगा कि वह बच जाएगा और फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा और इसलिए उसने अपना वसीयतनामा तैयार नहीं कराया। गेदाम ने कहा कि अगर मेमन का परिवार शव को प्राप्त करना चाहता है तो उन्हें अधिकारियों को लिखित में देना होगा कि वे कोई हंगामा नहीं करेंगे। लेकिन अंतिम निर्णय महाराष्ट्र सरकार करेगी और यह पूरी तरह नागपुर और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों पर कानून-व्यवस्था पर निर्भर करता है।

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