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इन लड़कियों को मत छेड़ना, वरना खैर नहीं

केस नंबर 1 विश्वविद्यालय गेट पर नशे में धुत स्विफ्ट गाड़ी सवार पांच शोहदों ने रास्ते से गुजर रहीं तीन लड़कियों पर कमेन्ट पास करना शुरू किया। विरोध जताने पर उन पर पिस्तौल भी तान दी। शोहदों ने...

इन लड़कियों को मत छेड़ना, वरना खैर नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 04 Sep 2015 08:25 AM
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केस नंबर 1

विश्वविद्यालय गेट पर नशे में धुत स्विफ्ट गाड़ी सवार पांच शोहदों ने रास्ते से गुजर रहीं तीन लड़कियों पर कमेन्ट पास करना शुरू किया। विरोध जताने पर उन पर पिस्तौल भी तान दी। शोहदों ने अनुमान लगाया कि इससे लड़कियां डर जाएंगी। मगर हुआ उल्टा। युवतियों ने आपस में आंखों-आंखों में बात की और अचानक पांचों पर टूट पड़ीं। कुछ ही देर में सबका नशा उतर गया। पहले अस्पताल भेजे गए फिर जेल की हवा खानी पड़ी। ऐसा इसलिए हुआ कि तीनों लड़कियां मार्शल आर्ट सीखी हुईं थीं। उन्होंने जिस मकसद से यह कला सीखी थी, वह काम आ गई।

केस नंबर 2

बेतियाहाता में कई दिनों से छींटाकशी का सामना कर रही युवती विवाद से बचने के लिए खामोशी धारण किए रही। उसकी खामोशी को कमजोरी मान शोहदे का मन बढ़ता गया। तंग आकर युवती ने एक दिन मार्शल आर्ट के पैंतरों का इस्तेमाल करते हुए शोहदे की ऐसी सेवा की कि उसे हाथ में प्लास्टर चढ़ावाना पड़ा।

बदलाव की बयार

ये दो मामले शहर में बदलाव की कहानी बयां करने के लिए काफी हैं। दो साल के अंदर के ये मामले बता रहे हैं कि लड़कियां अपनी रक्षा के लिए खुद को सक्षम बनाने में गहरी रुचि ले रही हैं। मार्शल आर्ट ट्रेनर धीरेन्द्र प्रताप, लालदेव यादव, विजय कसेरा, योगेन्द्र प्रताप, अर्पिता श्रीवास्तव और पिंकी भारती के अनुसार उनके ट्रेनिंग सेन्टर और शहर के लगभग दो दर्जन स्कूल-कॉलेजों में लगे कैम्प में बीस हजार से ज्यादा युवतियां यह कला सीख चुकी हैं। अब इन्हें कहीं आने-जाने में डर नहीं लगता। इतनी सक्षम हो चुकी हैं कि दो-चार बदमाशों को पलक झपकते धूल चटा सकती हैं।

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