लालू का अगली सरकार में आना मुश्किल: प्रणव
बाबरी मसिद ढहाने के लिए कांग्रेस को भाजपा की तरह बराबर का दोषी बताने के लालू प्रसाद के हमलों का कांग्रेस ने मंगलवार को उन्हीं की भाषा में करारा जवाब दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी ने...
बाबरी मसिद ढहाने के लिए कांग्रेस को भाजपा की तरह बराबर का दोषी बताने के लालू प्रसाद के हमलों का कांग्रेस ने मंगलवार को उन्हीं की भाषा में करारा जवाब दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी ने समस्तीपुर में एक चुनावी सभा में राजद अध्यक्ष पर प्रहार करते हुए आगाह किया कि लालू का अगली सरकार में शामिल होना मुश्किल होगा। मुखर्जी ने कहा कि वह सरकार बनने से पहले से लालू प्रसाद की बहुत इज्जत करते हैं। लेकिन उनके वर्तमान रुख से अब उनका नई सरकार में शामिल होना भी खतरे में पड़ गया है क्योंकि वह किसी के साथ नहीं हैं। जवाब में लालू प्रसाद ने सवाल किया कि उनके यानी लालू-मुलायम और पासवान के समर्थन के बिना कौन सरकार बना पाएगा। समय ही बताएगा कि सरकार में कौन रहेगा और कौन बाहर होगा।ड्ढr ड्ढr इससे कुछ ही देर पहले उन्होंने कहा था कि यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि यूपीए की नई सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ही होंगे। मुखर्जी के बयान पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जरूरत नहीं होगी तो जबरदस्ती थोड़े माला डालेंगे? उन्होंने कहा कि सरकार में उनकी जरूरत नही है तो उन्हें डिसमिस कर दे। राजद सुप्रीमो ने समस्तीपुर की सभा के बाद प्रणव मुखर्जी से फोन पर बातचीत की। एक निजी चैनल के साथ बातचीत में इसका ब्योरा देते हुए मुखर्जी ने कहा, मैंने लालू प्रसाद को बताया कि अभी हमलोग यूपीए में तो हैं लेकिन यह कोई राजनीतिक गठबंधन न होकर एक सरकार का नाम है। फिलहाल हमलोग बिहार में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं और ऐसी स्थिति में अगली सरकार के स्वरूप के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। समस्तीपुर की सभा में सोनिया गांधी को जाना था लेकिन अंतिम क्षणों में उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर मुखर्जी को भेजा। उधर लालू के ताजा बयानों पर कांग्रेस की प्रवक्ता जयंती नटराजन ने कहा कि बिहार में कांग्रेस के पुनर्जीवित होने के संकेतों से लालू बौखला गए हैं। उधर सुपौल और पूर्णिया में चुनावी सभाओंे को संबोधित करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि लालू ने वोट की खातिर बिहार को बांट दिया। दूसरी ओर लालू प्रसाद ने चुटकी लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार भी तर-तर प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं। उड्ढr ड्ढr न्होंने वाम दलों की तरफ पींगें बढ़ाते हुए कहा कि चुनाव बाद यूपीए साथ बैठकर प्रधानमंत्री का चयन करगा। वाम दलों के लिए उनकी खिड़की खुली है। उन्होंने आडवाणी को भागलपुर दंगा के लिए दोषी ठहराते हुए कहा कि नीतीश ने आडवाणी को बचाने के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। कामेश्वर यादव को भाजपा परिवार का सदस्य बताते हुए उन्होंने कहा कि भागलपुर दंगा में किसका क्या रोल था, इसका खुलासा सत्येन्द्र नारायण सिंह की पुस्तक से हो रहा है।