फोटो गैलरी

Hindi News क्रिकेट दो चरणों के चुनाव के बाद भाजपा पस्त : राजद

दो चरणों के चुनाव के बाद भाजपा पस्त : राजद

राजद ने कहा है कि दो चरणों के चुनाव के बाद भाजपा हताश हो गई है। उसका आत्मबल पस्त हो गया है। प्रदेश महासचिव डा. रामवचन राय और प्रदेश प्रवक्ता डा. भीम सिंह ने कहा कि बीच चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी जैसे...

 दो चरणों के चुनाव के बाद भाजपा पस्त : राजद
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

राजद ने कहा है कि दो चरणों के चुनाव के बाद भाजपा हताश हो गई है। उसका आत्मबल पस्त हो गया है। प्रदेश महासचिव डा. रामवचन राय और प्रदेश प्रवक्ता डा. भीम सिंह ने कहा कि बीच चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी जैसे बुजुर्ग के स्थान पर उग्र हिन्दुवाद का आक्रामक चेहरा नरेन्द्र मोदी को सामने कर भाजपा क्या सन्देश देना चाहती है। उनका मानना है कि उग्र हिन्दुत्व के नाम पर अपने बिखरते जनाधार को बटोरने के लिए भाजपा ने यह चाल चली है। शायद यही कारण है कि इन बातों से क्षुब्ध होकर आडवाणी ने दुखी मन से यह घोषणा कर दी है कि प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। कोई बुजुर्ग लाचारी और विवशता में ही परिवारवालों से क्षुब्ध होकर इस तरह का फैसला करता है।ड्ढr ड्ढr जदयू ने जैसा व्यवहार जार्ज फर्नाडीस के साथ किया अब वैसी ही व्यवहार भाजपा श्री आडवाणी के साथ करने जा रही है। वैसे भी भाजपा में नेतृत्व को लेकर हमेशा असमंजस की स्थिति रही है। पार्टी में नेतृत्व के लिए कभी भैरो सिंह शेखावत तो कभी मुरली मनोहर जोशी, कभी जसवंत सिंह तो कभी नरन्द्र मोदी जैसे नेता अलग-अलग दावेदार के रूप में उभरते रहे हैं। पर भाजपा को समझना होगा कि देश का मतदाता धर्मनिरपेक्षता, भाईचारा, सद्भाव और मिलीजुली संस्कृति की साझी विरासत में विश्वास करता है और वह संघ परिवार के झांसे में आने वाला नहीं है।ड्ढr ड्ढr नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष कहने पर रघुवंश बाबू गरमड्ढr पटना (हि.ब्यू.)। नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष बताये जाने पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह गरम हो गये हैं। शनिवार को बिहार हैंगर में संवाददाताओं ने उनसे सीपीआई नेता के मुख्यमंत्री के संबंध में बयान पर प्रतिक्रिया ली तो रघुवंश बाबू आग-बबूला होकर बोले- नीतीश तो घोर सांप्रदायिक हैं। भाजपा की गोद में बैठकर लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री बनाने की बात करने वाले को धर्मनिरपेक्ष कैसे माना जायेगा? अगर कोई बिहार के मुख्यमंत्री को सेकुलर कहता है तो यह खतरनाक बात है। पता नहीं वामपंथी नेता को नीतीश धर्मनिरपेक्ष कैसे दिख रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि आडवाणी का चेहरा बचाने के लिए ही जसवंत सिंह ने बयान दिया है कि तत्कालीन गृह मंत्री आतंकियों को छोड़ने के खिलाफ थे। अगर ऐसा है तो क्या आतंकियों को छोड़ने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को जिम्मेदार माना जाए। गृह मंत्री के ऊपर तो प्रधानमंत्री ही होता है। चुनाव के समय भाजपा के नेता कुछ भी बोले लेकिन जनता उनकी चाल को समझ रही है। कंधे पर बैठाकर आतंकवादियों को कंधार पहुंचाने वालों का भंडाफोड़ हो गया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, साम्प्रदायिकता और जातिवाद से देश का भविष्य खतरे में है।ं

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें