मतगणनाकेन्द्रों की सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद
मतगणना केन्द्रों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होगी। चुनाव आयोग ने मतगणना केन्द्र परिसर में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्देश दिया है जहां से दिन-रात स्ट्रांग रूम की निगरानी होगी। ईवीएम फिलहाल...
मतगणना केन्द्रों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होगी। चुनाव आयोग ने मतगणना केन्द्र परिसर में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्देश दिया है जहां से दिन-रात स्ट्रांग रूम की निगरानी होगी। ईवीएम फिलहाल स्ट्रांग रूम में हैं और आयोग ने वहां की व्यवस्था और गतिविधियों पर विशेष निगाह रखने का निर्देश दिया है। स्ट्रांग रूम के बाहर राज्य पुलिस की निगरानी होगी। आयोग ने स्ट्रांग रूम के बाहर सीसीटीवी लगाने या वीडियो कैमर से रिकार्डिग का निर्देश दिया है। रिकार्डिग को सुरक्षित रखा जाएगा। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था को मॉनीटर करने के लिए एक राजपत्रित अधिकारी और एक पुलिस अफसर को चौबीसो घंटे वहां मौजूद रहने की भी हिदायत दी गयी है।ड्ढr ड्ढr स्ट्रांग रूम के आसपास आग से निपटने के उपकरणों की भी व्यवस्था होगी। आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि ईवीएम की सुरक्षा की जवाबदेही जिला निर्वाचन पदाधिकारी और एसपी की होगी। मतगणना 16 मई को सुबह 8 बजे से शुरू होगी। आयोग ने यह भी कहा है कि नगर निगम या नगर पालिका के वार्ड पार्षद और सदस्य भी काउंटिंग एजेंट बन सकते हैं। मंत्री, सांसद, विधायक या विधान पार्षद काउंटिंग एजेंट नहीं होंगे।ड्ढr ड्ढr आयोग ने यह भी कहा है कि उम्मीदवार प्रत्येक मतगणना हॉल में रिटर्निग अफसर या असिस्टेंट रिटर्निग अफसर के टेबुल पर एक-एक अतिरिक्त काउंटिंग एजेंट रख सकते हैं। मतगणना टेबुल पर उम्मीदवारों द्वारा एक-एक एजेंट रखने का प्रावधान पहले से है। इसके अलावा प्रत्येक मतगणना हॉल में असिस्टेंट रिटर्निग अफसर के टेबुल पर भी एक काउंटिंग एजेंट नियुक्त किए जा सकते हैं। इसी तरह रिटर्निग अफसर के टेबुल पर भी एक-एक काउंटिंग एजेंट होंगे। खास बात यह होगी कि सरकारी सुरक्षा प्राप्त उम्मीदवारों को सुरक्षाकर्मियों के साथ मतगणना हॉल में जाने की अनुमति नहीं होगी। हॉल में जाने से पहले उनसे एक अंडर टेकिंग भी लिया जाएगा कि उन्होंने स्वेच्छा से सुरक्षाकर्मियों को सरंडर किया है। एसपीजी सुरक्षा प्राप्त उम्मीदवार सिर्फ एक सुरक्षाकर्मी के साथ हॉल में जा सकेंगे जो सादे लिबास में होंगे। सुधरी गलती,रणु बनीं कृषि मंत्रीड्ढr पटना (हि.ब्यू.)। हिन्दुस्तान में खबर छपी तो सरकार की नींद खुली। कृषि विभाग के ऑफिसियल वेबसाइट पर कृषि मंत्री के रूप में नागमणि के नाम का ही उल्लेख था। 11 मई तक यही सूचना देश-दुनिया के लोगों को मिलती रही जबकि वे 22 मार्च को पद छोड़ चुके थे और नई कृषि मंत्री रणु कुमारी 1 अप्रैल को ही विभाग का काम-काज संभाल चुकी थीं। तकरीबन 40 दिनों तक विभाग यही सूचना लोगों को देता रहा। हिन्दुस्तान में 12 मई को खबर ‘राजद के नागमणि से नहीं छूटा मोह, बने हुए हैं नीतीश सरकार के कृषि मंत्री!’ प्रकाशित होने के बाद विभाग ने सूचना संशोधित की और वेबसाइट पर विभागीय मंत्री के रूप में डॉ. (मिसेज) रणु कुमारी कुशवाहा का नाम अंकित किया है। विभागीय साइट को 3 जनवरी के बाद 12 मई को अप टू डेट किया गया है।ड्ढr देश के अन्य राज्यों के साथ ही विदेशों में भी बिहार के वेबसाइट को देखने वाले बड़ी संख्या में हैं। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि खबर प्रकाशित होने और विभाग द्वारा सूचना ठीक करने के बीच 75 लोग इस साइट से जानकारी ले चुके थे।ं