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फीस के बाद अब महँगी होंगी किताबें

बच्चों की फीस बढ़ाने की घोषणा कर प्राइवेट स्कूल पहले ही अभिभावकों का बजट बिगाड़ चुके हैं। अब सरकार अभिभावकों का कचूमर निकालने की तैयारी कर रही है। वह कागज के आयात पर 20 फीसदी संरक्षण शुल्क लगाने वाली...

 फीस के बाद अब महँगी होंगी किताबें
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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बच्चों की फीस बढ़ाने की घोषणा कर प्राइवेट स्कूल पहले ही अभिभावकों का बजट बिगाड़ चुके हैं। अब सरकार अभिभावकों का कचूमर निकालने की तैयारी कर रही है। वह कागज के आयात पर 20 फीसदी संरक्षण शुल्क लगाने वाली है। प्रकाशकों का कहना है कि इससे स्कूल की किताबें और महँगी हो जाएँगी।ड्ढr ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर्स के अध्यक्ष सुभाष चंद्र ने कहा कि कोटेड पेपर पर 20 फीसदी संरक्षण शुल्क लगने से किताबें और महँगी हो जाएँगी। सेफगार्ड महानिदेशालय ने शुल्क लगाने की सिफारिश की है। एक अधिसूचना में सेफगार्ड दफ्तर ने कहा है कि चीन और इंडोनेशिया से आयातित कोटेड पेपर और पेपर बोर्ड से घरेलू उद्योग को चोट पहुँची है। सुभाष चंद्र ने कहा कि घरेलू कागज उत्पादकों को बचाना गलत है क्योंकि उन्होंने बीते साल ही किताओं के कच्चे माल की कीमतें 25 फीसदी तक बढ़ा दी थीं। इसके बाद बीते साल कागज उत्पादकों को उत्पाद शुल्क में 12 फीसदी की कटौती की राहत भी दी गई थी। चंद्र ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कागज 35 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। वहीं घरेलू बाजार में इसके दाम 54 से 55 रुपए किलो है। प्रिंटर फेडरेशन का कहना है कि अगर संरक्षण शुल्क को मंजूरी दी गई तो 25 लाख लोगों के रोगार वाला 60 हाार करोड़ रुपए का उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा। इससे अभिभावकों को बोझ और बढ़ जाएगा। किताबें महँगी हो जाएँगी। फेडरेशन के मुताबिक उसका एक दल सोमवार को सेफगार्ड दफ्तर के अधिकारियों से मिलेगा। केमिकल्स एंड एलाइड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के एक अधिकारी ने कहा कि संरक्षण शुल्क बढ़ने से कागज के दाम बढ़ेंगे और इससे देश के 3000 करोड़ रुपए के निर्यात क्षेत्र को धक्का लगेगा।

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