7 जिलों में साक्षरता दर 45%% से कम
सरकारी दावों के बावजूद सूबे में शिक्षा की स्थिति जस की तस बनी हुई है। साक्षरता वृद्धि के लिए चलायी जा रही योजनाएं सिर्फ कागज तक ही सिमट कर रह गयी हैं। अक्षर झारखंड के सव्रे के अनुसार राज्य के सात...
सरकारी दावों के बावजूद सूबे में शिक्षा की स्थिति जस की तस बनी हुई है। साक्षरता वृद्धि के लिए चलायी जा रही योजनाएं सिर्फ कागज तक ही सिमट कर रह गयी हैं। अक्षर झारखंड के सव्रे के अनुसार राज्य के सात जिलों साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा, गिरिडीह, चतरा, लातेहार और गढ़वा में साक्षरता दर 45 फीसदी से भी कम है। सबसे कम साक्षरता दर पाकुड़ में है। यहां 7,01,664 पुरुष और 3,58,545 महिलाओं में सिर्फ 30.65 फीसदी लोग ही साक्षर हैं। इसी तरह साहेबगंज में 37 फीसदी, गोड्डा में 43, गिरिडीह में 44, चतरा में 43, लातेहार में 40.68 और गढ़वा में 3ीसदी लोग ही साक्षर हैं।ड्ढr इधर, साक्षरता के मामले में महिलाएं काफी पीछे हैं। साहेबगंज, गोड्डा, गिरिडीह, गढ़वा और लातेहार में महिला साक्षरता की दर 27 फीसदी और दुमका, जामताड़ा, देवघर, कोडरमा, चतरा, पश्चिम सिंहभूम और पलामू में 33 फीसदी से अधिक नहीं है। राज्य में पुरुष और महिला साक्षरता में भी भारी अंतर है। यहां 67.30 फीसदी पुरुष और 38.87 महिलाएं साक्षर हैं। जबकि कुल साक्षरता दर 53.56 फीसदी है। इस अंतर को पाटने के लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन ने 2012 तक 80 फीसदी साक्षरता दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। यह झारखंड के लिए चुनौती है। साक्षरता दर में वृद्धि नहीं होने का मुख्य कारण स्कूलों से ड्रॉप आउट की समस्या, क्वालिटी ऑफ एजुकेशन का नहीं होना और शिक्षकों की अनुपस्थिति है। वहीं, सरकार द्वारा वर्ष में 65 दिन शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो में लगाया जाता है। इससे भी स्कूलोंमें शिक्षण कार्य प्रभावित होता है।ड्ढr झारखंड में साक्षरता की स्थितिड्ढr जिलापुरुष महिलाड्ढr साहेबगंज47.पाकुड़40.2320.61ड्ढr गोड्डा57.5227.3दुमका60.8731.40ड्ढr जामताड़ा66.2233.देवघर66.3831.धनबाद7बोकारो62.1026.62ड्ढr गिरिडीह62.0हाारीबाग6रामगढ़75.6248.87ड्ढr कोडरमा70.चतरा55.6430.24ड्ढr रांची78.7054.20ड्ढr खूंटी64.2838.47ड्ढr लोहरदगा67.283गुमला63.3638.40ड्ढr सिमडेगा63.7142.20ड्ढr पू. सिंहभूम7प. सिंहभूम61.6सरायकेलाड्ढr खरसावां70.लातेहार54.1326.52ड्ढr पलामू60.6131.11ड्ढr गढ़वा54.3622.84ं