चार लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई ठप
राज्य सरकार बुरी तरह क्षतिग्रस्त पूर्वी कोसी मुख्य नहर को फिर से पुराने रूप में लाया जाएगा। इस संबंध में बिहार ने केन्द्र को 667 करोड़ रुपए का विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सौंप तत्काल उसकी...
राज्य सरकार बुरी तरह क्षतिग्रस्त पूर्वी कोसी मुख्य नहर को फिर से पुराने रूप में लाया जाएगा। इस संबंध में बिहार ने केन्द्र को 667 करोड़ रुपए का विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सौंप तत्काल उसकी मंजूरी का अनुरोध किया है। गत वर्ष कोसी नदी के कुसहा तटबंध टूटने के बाद आई बाढ़ ने पूर्वी कोसी मुख्य नहर पर कहर बरपाया। पूरी नहर प्रणाली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। हाल यह है कि इससे क्षेत्र में सिंचाई की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अगर समय रहते इसका जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो कोसी के इलाके में किसानों को भारी नुकसान हो सकता है।ड्ढr ड्ढr जल संसाधन विभाग ने पूर्वी कोसी मुख्य नहर और उससे जुड़ी अन्य छोटी-छोटी नहरों के जीर्णोद्धार के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। कार्ययोजना के तहत मुख्य नहरों के साथ तमाम छोटी नहरों को पुराने स्वरूप में लाया जाएगा जिससे वे पहले की ही तरह खेतों को पानी दे सकें। इस समय इन नहरों से सिंचाई कार्य पूरी तरह ठप है। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर इन चीफ देवी रजक ने केन्द्रीय जल आयोग को भेजे प्रस्ताव में बताया है कि पूर्वी कोसी मुख्य नहर के क्षतिग्रस्त होने से चार लाख हेक्टेयर से अधिक भूभाग में सिंचाई कार्य बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इसकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है। इसके लिए तैयार डीपीआर में उन्होंने 667 करोड़ 4लाख 8हजार रुपए की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि योजना की स्वीकृति तत्काल मिलने पर इस वर्ष कार्य शुरू हो पाएगा।